1965 के युद्ध में भारतीय सेना द्वारा जीता गया पाकिस्तानी पैटन टेंक।
नई दिल्ली:
देश की युवा पीढ़ी भी अब 1965 में पकिस्तान पर भारत की शानदार जीत और भारतीय सैनिकों के अद्भुत पराक्रम से रूबरू हो सकेगी। इसके लिए ऐतिहासिक राजपथ पर इंडिया गेट के समीप तैयारी चल रही है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर इस वर्ष 15 से 20 सितंबर तक इस लड़ाई में पाकिस्तान पर मिली जीत का जश्न कुछ अलग अंदाज में मनाने कि कवायद शुरू हो गई है।
ऐसा पहली बार हो रहा है जब देश किसी जंग में मिली जीत के 50 साल पूरे होने पर समारोह आयोजित कर रहा है। बड़ी बात यह भी है कि यह सब कुछ आम जनता के लिए है जो बिना किसी टिकट के सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक अपने वीर सेनानियों की गौरव गाथा देख सकती है। संभावना है कि इस प्रदर्शनी का उद्घाटन खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे ।
बताया जाता है कि इस आयोजन के दौरान हर लड़ाई के अलग-अलग पंडाल बनाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि उस वक्त सेना ने पांच महत्वपूर्ण लड़ाइयां लड़ी थीं इनमें फिलोरा, हाजीपीर, बरकी, डोगराई और असल उत्तर की लड़ाई शामिल हैं। समारोह में आडियो-वीजुअल के जरिए इन सारी लड़ाइयों को जीवंत किया जाएगा।
इस मौके पर आम लोगों को यह भी जानने-देखने का अवसर मिलेगा कि उस वक्त सेना ने किन हथियारों से और कैसे पाकिस्तानियों के छक्के छुड़ाए थे। अपनी वीरता की गाथा सुनाने के लिए भारतीय सेना के कई जांबाज योद्धा खुद भी इस कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहेंगे।
इसमें प्रदर्शनी के माध्यम से यह भी दर्शाया जाएगा कि भारत के जवानों के आगे पाकिस्तान के कौन-कौन से हथियार, मसलन पाकिस्तानी पैंटन टैंक भी, जो भारतीय जवानों के आगे टिक नहीं पाया। परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद की ऐतिहासिक जीप भी इसमें होगी। कुछ पंडालों में उस वक्त की लड़ाई के हालात को जीवंत करने के लिए जीवंत प्रदर्शन (लाइव डेमो) भी होगा।
वायुसेना और नौसेना के पंडाल अलग से होंगे। इनके साथ-साथ सीआरपीएफ, रेडक्रास, और इन्फैंट्री के पंडाल भी होंगे, जो अपने उस वक्त के हथियार और हालात की नुमाइश करेंगे।
20 सितंबर को समापन पर सबसे बड़ा (मेगा कार्निवाल) आयोजित होगा, जिसमें हजारों फुट की ऊंचाई से छलांग लगाकर वायुसेना की आकाश गंगा टीम राजपथ पर उतरेगी। इतना ही नहीं, वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई और मिग-29 अपनी ताकत के साथ-साथ हवाई करतब दिखाकर लोगों को दांतों तले उंगली दबाने के लिए मजबूर कर देंगे।
ऐसा पहली बार हो रहा है जब देश किसी जंग में मिली जीत के 50 साल पूरे होने पर समारोह आयोजित कर रहा है। बड़ी बात यह भी है कि यह सब कुछ आम जनता के लिए है जो बिना किसी टिकट के सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक अपने वीर सेनानियों की गौरव गाथा देख सकती है। संभावना है कि इस प्रदर्शनी का उद्घाटन खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे ।
बताया जाता है कि इस आयोजन के दौरान हर लड़ाई के अलग-अलग पंडाल बनाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि उस वक्त सेना ने पांच महत्वपूर्ण लड़ाइयां लड़ी थीं इनमें फिलोरा, हाजीपीर, बरकी, डोगराई और असल उत्तर की लड़ाई शामिल हैं। समारोह में आडियो-वीजुअल के जरिए इन सारी लड़ाइयों को जीवंत किया जाएगा।
इस मौके पर आम लोगों को यह भी जानने-देखने का अवसर मिलेगा कि उस वक्त सेना ने किन हथियारों से और कैसे पाकिस्तानियों के छक्के छुड़ाए थे। अपनी वीरता की गाथा सुनाने के लिए भारतीय सेना के कई जांबाज योद्धा खुद भी इस कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहेंगे।
इसमें प्रदर्शनी के माध्यम से यह भी दर्शाया जाएगा कि भारत के जवानों के आगे पाकिस्तान के कौन-कौन से हथियार, मसलन पाकिस्तानी पैंटन टैंक भी, जो भारतीय जवानों के आगे टिक नहीं पाया। परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद की ऐतिहासिक जीप भी इसमें होगी। कुछ पंडालों में उस वक्त की लड़ाई के हालात को जीवंत करने के लिए जीवंत प्रदर्शन (लाइव डेमो) भी होगा।
परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद की जीप
वायुसेना और नौसेना के पंडाल अलग से होंगे। इनके साथ-साथ सीआरपीएफ, रेडक्रास, और इन्फैंट्री के पंडाल भी होंगे, जो अपने उस वक्त के हथियार और हालात की नुमाइश करेंगे।
20 सितंबर को समापन पर सबसे बड़ा (मेगा कार्निवाल) आयोजित होगा, जिसमें हजारों फुट की ऊंचाई से छलांग लगाकर वायुसेना की आकाश गंगा टीम राजपथ पर उतरेगी। इतना ही नहीं, वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई और मिग-29 अपनी ताकत के साथ-साथ हवाई करतब दिखाकर लोगों को दांतों तले उंगली दबाने के लिए मजबूर कर देंगे।
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