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This Article is From Nov 26, 2023

26/11 मुंबई आतंकी हमले की 15वीं बरसी...166 लोगों की गई थी जान, नाव से आए थे आतंकी

26/11 Mumbai Terrorist Attack: 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में देश को दहला देने वाले आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे और 600 से अधिक घायल हुए थे. ये हमले तीन दिन तक चले.

26/11 मुंबई आतंकी हमले की 15वीं बरसी...166 लोगों की गई थी जान, नाव से आए थे आतंकी
इजरायल ने लश्‍कर को आतंकी संगठन की सूची में डाला
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Summary is AI generated, newsroom reviewed.
इजरायल ने पाकिस्तान से संचालित लश्कर को आतंकी संगठन की सूची में डाला
मुम्बई पुलिस ने एक आतंकवादी कसाब को जिंदा पकड़ लिया था
लश्कर के आतंकवादी कराची बंदरगाह से नाव से मुंबई के लिए निकले थे...
नई दिल्‍ली:

26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों की आज 15वीं बरसी है. दक्षिण मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान से समुद्री मार्ग से आए 10 आतंकवादियों ने यहूदियों के केंद्र चाबाड हाउस समेत कई जगहों पर हमला कर दिया था. आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों की जान ले ली थी. इस आतंकी हमले के दौरान लगभग 60 घंटों तक मुंबई के लोग सहमे रहे थे. 26/11 का मुंबई हमला भारत के इतिहास में दर्ज वो काला दिन है, जिसे चाहकर भी भुलाया नहीं जा सकता है.  

इजरायल ने लश्‍कर को आतंकी संगठन की सूची में डाला
इजरायल ने पाकिस्तान से संचालित लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी संगठन की सूची में डाल दिया है. मुंबई में 26 नवंबर 2008 को कई जगहों पर हुए आतंकी हमलों में 166 लोग मारे गए थे जिनमें कई इजराइली नागरिक भी शामिल थे. बयान में कहा गया है कि लश्कर-ए-तैयबा एक घातक और निंदनीय आतंकवादी संगठन है जो सैकड़ों भारतीयों एवं अन्य लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार है. 26 नवंबर, 2008 को किए गए उसके जघन्य कृत्य आज भी शांति चाहने वाले सभी देशों और समाजों को पीड़ा पहुंचा रहे हैं.

जिंदा पकड़ा गया था एक आतंकी
26 नवंबर, 2008 को मुंबई में देश को दहला देने वाले आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे और 600 से अधिक घायल हुए थे. ये हमले तीन दिन तक चले. आतंकियों ने दो फाइव स्टार होटल (होटल ताजमहल और ओबेरॉय होटल), छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी) रेलवे स्टेशन, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल और यहूदी केंद्र नरीमन हाउस को निशाना बनाया था. इस दौरान नौ हमलावर आतंकवादियों को मार गिराया गया और मुम्बई पुलिस ने एक आतंकवादी कसाब को जिंदा पकड़ लिया, जिसे बाद में फांसी दी गई. इसके बावजूद पाकिस्‍तान ने लश्‍कर के खिलाफ कोई सख्‍त कदम नहीं उठाए थे. 

आतंकी कराची से पहुंचे थे मुंबई 
लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी पाकिस्तान के कराची बंदरगाह से नाव से मुंबई के लिए निकले थे. रास्ते में इन्‍होंने एक मछली पकड़ने वाली छोटी नाव (डोंगी) को हाइजैक कर लिया. इस दौरान इन्‍होंने नाव के 4 क्रू मेंबर्स को मौत के घाट उतार दिया और कैप्टन को नाव भारत लाने के लिए मजबूर किया. शाम को मुंबई के समुद्र तट से करीब 7 किमी दूर नाव के पहुंचते ही आतंकवादियों ने कैप्टन को मार दिया. आंतकी मुंबई के कोलाबा की मच्छीमार कॉलोनी से शहर में घुसे. यहां तक पहुंचने के लिए वे स्पीडबोट का उपयोग किया गया. मच्छीमार कॉलोनी से बाहर निकलने के बाद ये दो-दो के समूहों में बंट गए थे. इसके बाद आतंकियों ने अलग-अलग जगह पर हमलों को अंजाम दिया. 

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