"135 करोड़ लोग हम पर हंस रहे हैं, हम बच्चे नहीं हैं...", संसद में भड़के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में कहा, "हम बहुत बुरा उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं... यहां से बाहर लोगों को मोहभंग हो रहा है... इस तरह का प्रदर्शन... हमें बहुत-बहुत बदनाम करता है..."

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को मंगलवार को राज्यसभा में सांसदों को शांत करने में खासी मशक्कत करनी पड़ी...

नई दिल्ली:

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को मंगलवार को उस समय राज्यसभा में आसन से उठ खड़े होकर सांसदों को याद दिलाना पड़ा कि 'हम बच्चे नहीं हैं...', जब कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे के स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का 'कतई कोई योगदान नहीं' वाले हालिया बयान को लेकर हंगामा जारी था.

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में कहा, "हम बहुत बुरा उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं... यहां से बाहर लोगों को मोहभंग हो रहा है... इस तरह का प्रदर्शन... हमें बहुत-बहुत बदनाम करता है..."

आसन से उठकर सत्तापक्ष तथा विपक्ष के बेंचों की तरफ बारी-बारी इशारा कर उन्होंने शोर-शराबे के बीच अपनी बात रखने की कोशिश की, लेकिन उसके लिए उन्हें कई बार 'एक सेकंड, एक सेकंड' कहना पड़ा. फिर वह बोले, "यहां तक कि आसन की ओर से जो कहा जा रहा है, जो सबके लिए है, उसे भी आप लोग नहीं मान रहे हैं... हम लोगों का माहौल कितना दर्दनाक हो चुका है... मेरा विश्वास करें, 135 करोड़ लोग हम पर हंस रहे हैं... वे सोच रहे हैं, हैरान हो रहे हैं - हम किस स्तर तक गिर गए हैं..."

जगदीप धनखड़ उस समय नाराज़ होते दिखे, जब BJP-नीत गठबंधन के सदस्यों ने नेता प्रतिपक्ष तथा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के वक्तव्य के दौरान हंगामा किया, जब खरग ने राजस्थान की रैली में किए गए दावे को दोहराया, हालांकि मंगलवार को उन्होंने 'कुत्ते से तुलना' का ज़िक्र नहीं किया.

पेशे से वकील रहे जगदीप धनखड़ ने संसद के उच्च सदन में सदस्यों को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए कहा, "हो सकता है, उत्तेजना की अवस्था में सदन के बाहर कुछ कह दिया गया हो... ऐसे किसी बयान का कोई आधार होना या नहीं होना संभव है... यह भी हो सकता है, जो कहा गया हो, उस पर दो अलग-अलग विचार हों... लसेकिन इसका अर्थ यह नहीं हो सकता कि जब सदन का नेता बोल रहा हो, (विपक्ष की ओर से) बाधाएं पैदा की जाएं... और जब नेता प्रतिपक्ष बोल रहा हो, दूसरी तरफ से बाधाएं उत्पन्न की जाएं... क्या जैसे को तैसा करना ज़रूरी है...?"

उन्होंने यह भी कहा, "हम बच्चे नहीं हैं..."

राज्यसभा के सभापति ने सदस्यों से यह भी कहा कि यदि वे सदन में कोई दावा करते हैं, और चाहते हैं कि उसे रिकॉर्ड से हटाया नहीं जाए, तो अपने दावे के समर्थन में दस्तावेज़ी प्रमाण भी प्रस्तुत करें. इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से अपनी बात पूरी करने के लिए कहते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, "मैं अपने संवैधानिक कर्तव्यों का पालन कर रहा हूं... मैं न इस तरफ देखता हूं, न उस तरफ देखता हूं... मैं सिर्फ संविधान की ओर देखता हूं..."

उधर, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने माफी की मांग को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने वह टिप्पणी सदन के बाहर की थी - राजस्थान के अलवर में 'भारत जोड़ो' यात्रा के रुकने के स्थान पर - इसलिए इस पर संसद में चर्चा नहीं की जा सकती.

लेकिन उन्होंने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा, "जो देश की आज़ादी के लिए लड़े, आप उनसे माफी मांगने के लिए कह रहे हैं...?"

अलवर में एक रैली के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि कांग्रेस ने देश के लिए आज़ादी जीती थी, और इंदिरा गांधी और राजीव गांधी सहित उसके नेताओं ने भारत के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी. कांग्रेस अध्यक्ष ने इसके साथ ही कहा था, "क्या आफके घर का कुत्ता भी देश के लिए मरा था...? फिर भी, वे दावा करते हैं कि वे देशभक्त हैं और यदि हम कुछ कहते हैं, तो हमें देशद्रोही करार दिया जाता है..."

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संसद में मंगलवार को मल्लिकार्जुन खरगे ने 'कुत्ते वाले वाक्य' का ज़िक्र नहीं किया.