पलामू:
झारखंड के पलामू जिले में सीआरपीएफ और पुलिस के संयुक्त अभियान में 12 संदिग्ध माओवादियों को मार गिराया गया है। सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन को खबर मिली कि कुछ माओवादी स्कॉर्पियो से इलाके से गुजर रहे हैं, जिसके बाद पुलिस के साथ कोबरा मिलकर ने घात लगाकर उन पर कार्रवाई की।
माओवादियों पास से एके 47 सहित आठ हथियार बरामद किए हैं। कोबरा बटालियन की ओर कमांडेट कमलेश सिंह की अगुवाई में इस सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। बड़ी बात यह भी है इस कार्रवाई में न तो सीआरपीएफ का और न ही पुलिस का कोई जवान घायल हुआ।
यह घटना रात पौने 1 बजे एक बजे हुई और सभी शव भी बरामद कर लिए गए है। पुलिस अधीक्षक मयूर पटेल ने कहा कि मुठभेड़ रांची से लगभग 140 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मनिका थाने के बकोरिया गांव में हुई ।
माओवादियों के इस जिले में जाने की खुफिया जानकारी मिलने के बाद कोबरा बटालियन और जिला पुलिस मौके पर रवाना हुई।
सीआरपीएफ ने कहा कि सुरक्षा जवानों को देखकर माओवादी वाहन से उतर आए और उन्होंने जवानों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। उन्होंने कहा कि जवाबी कार्रवाई में 12 माओवादी मार गिराए गए।
माओवादी दो वाहनों में सवार थे। एक वाहन को नक्सली भगाकर ले गए, जबकि दूसरे वाहन से उतरकर उन्होंने पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी।
सीआरपीएफ के आईजी ऑपरेशन जुल्फिकार हसन के मुताबिक, मारे गए माओवादियों में ‘जोनल कमांडर’ आरके उर्फ डॉक्टर का दस्ता था। ये पिछले कई सालों में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक साथ 12 नक्सली को मार गिराया गया है।
पिछले साल 20 अप्रैल को माओवादियों ने दुमका में पुलिस के वाहन पर उस समय हमला बोला था, जब पुलिस दल लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण को पूरा करके लौट रहा था। उस घटना में छह पुलिसकर्मियों समेत आठ लोग माओवादियों के हाथों मारे गए थे। उसके बाद से यह झारखंड में पहली बड़ी घटना है।
माओवादियों पास से एके 47 सहित आठ हथियार बरामद किए हैं। कोबरा बटालियन की ओर कमांडेट कमलेश सिंह की अगुवाई में इस सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। बड़ी बात यह भी है इस कार्रवाई में न तो सीआरपीएफ का और न ही पुलिस का कोई जवान घायल हुआ।
यह घटना रात पौने 1 बजे एक बजे हुई और सभी शव भी बरामद कर लिए गए है। पुलिस अधीक्षक मयूर पटेल ने कहा कि मुठभेड़ रांची से लगभग 140 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मनिका थाने के बकोरिया गांव में हुई ।
माओवादियों के इस जिले में जाने की खुफिया जानकारी मिलने के बाद कोबरा बटालियन और जिला पुलिस मौके पर रवाना हुई।
सीआरपीएफ ने कहा कि सुरक्षा जवानों को देखकर माओवादी वाहन से उतर आए और उन्होंने जवानों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। उन्होंने कहा कि जवाबी कार्रवाई में 12 माओवादी मार गिराए गए।
माओवादी दो वाहनों में सवार थे। एक वाहन को नक्सली भगाकर ले गए, जबकि दूसरे वाहन से उतरकर उन्होंने पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी।
सीआरपीएफ के आईजी ऑपरेशन जुल्फिकार हसन के मुताबिक, मारे गए माओवादियों में ‘जोनल कमांडर’ आरके उर्फ डॉक्टर का दस्ता था। ये पिछले कई सालों में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक साथ 12 नक्सली को मार गिराया गया है।
पिछले साल 20 अप्रैल को माओवादियों ने दुमका में पुलिस के वाहन पर उस समय हमला बोला था, जब पुलिस दल लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण को पूरा करके लौट रहा था। उस घटना में छह पुलिसकर्मियों समेत आठ लोग माओवादियों के हाथों मारे गए थे। उसके बाद से यह झारखंड में पहली बड़ी घटना है।
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