कई दिनों की अटकलबाज़ियों के बाद शनिवार को जी20 शिखर सम्मेलन में आम सहमति बन गई और नई दिल्ली घोषणापत्र को स्वीकार कर लिया गया. भारत की इस बड़ी उपलब्धि का कई नेताओं और अधिकारियों ने स्वागत किया, जिन्होंने इसे 'ऐतिहासिक' दस्तावेज़ करार देते हुए कहा कि घोषणापत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचार वाले मानव-केंद्रित वैश्वीकरण पर ज़ोर दिया गया है.
G20 का साझा घोषणा पत्र 37 पेज का है. इसमें कुल 83 पैराग्राफ हैं. इसे ही नई दिल्ली डिक्लेरेशन कहा गया है. इस घोषणापत्र में यूक्रेन जंग का 4 बार जिक्र हुआ है. घोषणापत्र को स्वीकार किए जाने का ऐलान शनिवार दोपहर PM नरेंद्र मोदी ने किया, और उसके तुरंत बाद प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं- ग्लोबल साउथ की आवाज को मिली मान्यता
प्रतिष्ठित समूह के सदस्यों को धन्यवाद देते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट X (जिसे अतीत में ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर पोस्ट किया, "आज जी20 शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली घोषणापत्र को आधिकारिक तौर पर अंगीकार कर लिया गया है... प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मानव-केंद्रित वैश्वीकरण और ग्लोबल साउथ को लेकर हमारी चिंताओं को आवाज़ और मान्यता मिली है... सभी G20 सदस्यों को उनके सहयोग और समर्थन के लिए धन्यवाद..."
Today at the #G20 Leaders' Summit #NewDelhiLeadersDeclaration is officially adopted. @PMOIndia @narendramodi's emphasis on human-centric globalisation and our concerns of #GlobalSouth have found resonance and recognition. Thanking all G20 members for their cooperation and…
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) September 9, 2023
वित्त मंत्री सीतारमण ने और क्या कहा?
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि भारत की G20 अध्यक्षता ने ऐसे समाधान तैयार किए हैं जो प्रत्येक सदस्य के साथ मेल खाते हैं और सभी के लिए साझा रास्ता पेश करते हैं. बड़े, बेहतर और अधिक प्रभावी बहुपक्षीय विकास बैंकों के लिए G20 में समझौता हुआ है. जी20 मानता है कि महामारी के बाद की विश्व व्यवस्था इसके पहले की विश्व व्यवस्था से अलग होनी चाहिए. नेताओं ने बहुपक्षवाद को फिर से मजबूत करने पर जोर दिया.
भारत ने चुनौतीपूर्ण समय में अध्यक्षता ग्रहण की- केंद्रीय वित्त मंत्री
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमने भू-राजनीतिक तनाव के चुनौतीपूर्ण समय में अध्यक्षता ग्रहण की. आज मैं विश्वास के साथ कह सकती हूं कि भारतीय जी-20 की अध्यक्षता ने बात को आगे बढ़ाया है. भारत के जी20 अध्यक्ष ने 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' विषय पर काम किया है. हमारे मन में यह स्पष्ट है कि वैश्विक समाधानों की हमारी खोज में किसी को भी पीछे नहीं रहना चाहिए.
डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर जोर दिया- एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जी20 घोषणापत्र में परिवर्तन, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर ध्यान देने के साथ प्रौद्योगिकी की समावेशी भूमिका पर प्रकाश डाला गया है. जी-20 ने भारत को विश्व के लिए तैयार करने और विश्व को भारत के लिए तैयार करने में योगदान दिया है. हमारे लिए यह संतुष्टि की बात है कि अफ्रीकन यूनियन को आज भारत की अध्यक्षता में जी-20 को स्थायी सदस्यता दी गई.
ऐतिहासिक और पथप्रदर्शक उपलब्धि- अमिताभ कांत
भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने घोषणा को ऐतिहासिक और पथप्रदर्शक करार दिया और कहा कि सभी विकासात्मक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर 100 फ़ीसदी आम सहमति थी. रूस-यूक्रेन संघर्ष की पृष्ठभूमि को देखते हुए भू-राजनीति का संदर्भ विशेष रूप से महत्वपूर्ण है.
Historical & Path breaking #G20 Declaration with 100% consensus on all developmental and geo-political issues. The new geopolitical paras are a powerful call for Planet, People, Peace and Prosperity in todays world . Demonstrates PM @narendramodi leadership in today's world.
— Amitabh Kant (@amitabhk87) September 9, 2023
अमिताभ कांत ने X पर पोस्ट किया, "ऐतिहासिक और पथप्रदर्शक जी20 घोषणापत्र, सभी विकासात्मक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर 100 फ़ीसदी आम सहमति के साथ... नए भू-राजनीतिक अनुच्छेद आज की दुनिया में ग्रह, लोगों, शांति और समृद्धि के लिए शक्तिशाली आह्वान हैं... आज की दुनिया में PM नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को प्रदर्शित करता है..."
जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि रूस-यूक्रेन मुद्दे पर विकाशील देशों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं ने सहमति बनाने में अहम भूमिका निभाई. भारत ने इंडोनेशिया, ब्राज़ील, दक्षिण अफ्रीका के साथ मिलकर काम किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और अधिकारियों की अथक मेहनत से ही यह सम्भव हुआ है.
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