जायडस कैडिला (Zydus Cadila) का कोविड-19 रोधी टीके ‘जायकोव-डी' (Zycov-D) का इस्तेमाल प्रारंभ में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल समेत सात राज्यों में किया जाएगा. राज्यों को उन जिलों की पहचान करने की सिफारिश की गई है, जहां वैसे पात्र लोगों की संख्या ज्यादा है, जिन्हें टीके की अब तक एक भी खुराक नहीं मिली है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) (NHM) के निदेशकों के साथ ‘हर घर दस्तक'अभियान की समीक्षा की.
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उन्होंने सात राज्यों को उन जिलों की पहचान करने को कहा है, जहां पहली खुराक भी नहीं लेने वाले पात्र लोगों की संख्या ज्यादा है ताकि उन्हें जायकोव-डी की खुराक दी जा सके. ये सात राज्य बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल हैं. सूत्रों ने बताया कि जायकोव-डी को फिलहाल सात राज्यों के वयस्कों को लगाया जाएगा. यह पहला ऐसा टीका है, जिसे भारत के औषधि नियामक ने 12 वर्ष और इससे अधिक आयु के लोगों को लगाने की मंजूरी दी है.
बयान में बताया गया कि जायकोव-डी लगाने के लिए प्रशिक्षण प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. देश में अब तक टीके की 125 करोड़ से ज्यादा खुराक दी गई है. कुल 79.13 करोड़ (84.3 फीसदी) को टीके की पहली खुराक और 45.82 करोड़ (49 फीसदी) लाभार्थियों को टीके की दूसरी खुराक दी गई है.
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