
बच्चन परिवार को यश भारती सम्मान मिल चुका है जिन्होंने मासिक पेंशन लेने से इंकार किया था
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
मुलायम सिंह यादव के दौर में शुरू हुआ था यश भारती सम्मान
योगी आदित्यनाथ ने इस सम्मान की जांच करने की बात कही है
मायावती की सरकार आने पर यह सम्मान बंद कर दिया गया था
मायवाती ने अपनी सरकार आने पर यह पुरस्कार बंद कर दिए थे. लेकिन 2012 में अखिलेश यादव सरकार ने इसे दोबारा शुरू करवा दिया. इस बार इस पुरस्कार को लेकर तमाम सवाल उठे और इल्ज़ाम लगे कि अखिलेश यादव ने तमाम गरीब लोगों को आर्थिक मदद करने के लिए यश भारती पुरस्कार दे दिया. हद तो तब हो गयी जब मुख्यमंत्री के नए दफ्तर लोक भवन के सभागार में अखिलेश यादव ने पुरस्कार समारोह का संचालन करने वाली महिला को भी खुश होकर वहीं मंच से यश भारती पुरस्कार देने का ऐलान कर दिया.
यही नहीं समाजवादी पार्टी दफ्तर में काम करने वाले उन दो कर्मचारियों को पत्रकारिता की श्रेणी में यूपी का सबसे बड़ा पुरस्कार दे दिया गया, जिनका पत्रकारिता से कोई वास्ता नहीं है. अखिलेश के इस फैसले पर भी सवाल उठे. योगी ने कहा है कि गलत लोगों को पुरस्कार देकर इस सम्मान की गरिमा नहीं गिरानी चाहिए. अगर जांच में पाया गया कि पुरस्कार पाने वाले इसके हक़दार नहीं थे तो सम्मान तो अब वापस नहीं हो सकता लेकिन उनको ताउम्र मिलने वाली 50 हज़ार रुपये महीना पेंशन बंद हो सकती है. हालांकि अमिताभ बच्चन परिवार को यह अवॉर्ड तो मिला है, लेकिन वह इसकी पेंशन नहीं लेते.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं