यशवंत सिन्हा का तंज -वाह मोदी जी, 7 ओलिंपिक पदक जीतने के लिए देश आपका आभारी है

पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने वाले महान लोगों को श्रद्धांजलि. ये श्रद्धांजलि उनके लिए जिन्होंने उपनिवेशवाद के खिलाफ लड़ाई मजबूत करे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. महात्मा गांधी से प्रेरित भारत छोड़ो आंदोलन की भावना पूरे भारत में गूंज उठी और हमारे देश के युवाओं में जोश भर गया.

यशवंत सिन्हा का तंज -वाह मोदी जी,  7 ओलिंपिक पदक जीतने के लिए देश आपका आभारी है

यशवंत सिन्हा ने पीएम मोदी पर कसा तंज

नई दिल्ली:

पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) पीएम मोदी पर ट्वीट कर निशाना साधा है. यशवंत सिन्हा ने लिखा कि  9 अगस्त, 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के लिए देश मोदी जी का आभारी है, जिसने अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया. साथ ही टोक्यो ओलिंपिक में 7 पदक जीतने के लिए भी देश मोदी जी का आभारी है. वाह मोदी जी. बता दें कि पीएम मोदी ने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने वालों को आज श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने वाले महान लोगों को श्रद्धांजलि. ये श्रद्धांजलि उनके लिए जिन्होंने उपनिवेशवाद के खिलाफ लड़ाई मजबूत करे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. महात्मा गांधी से प्रेरित भारत छोड़ो आंदोलन की भावना पूरे भारत में गूंज उठी और हमारे देश के युवाओं में जोश भर गया. बता दें कि पीएम मोदी ने ओलिंपिक पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को फोन करके बधाई भी दी थी.

गृहमंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट किया. अगस्त क्रांति का इतिहास असंख्य गुमनाम यौद्धाओं की वीर गाथाओं से भरा पड़ा है, जो सदैव आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी. आज 'भारत छोड़ो आंदोलन' की 79वीं वर्षगांठ पर आजादी के इस महायज्ञ में अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर स्वतंत्रता सेनानियों को स्मरण कर नमन करता हूं. 1942 में आज ही के दिन महात्मा गांधी जी ने 'करो या मरो' नारे के साथ भारत छोड़ो आंदोलन का शंखनाद किया था. यह अंग्रेजी शासन की निर्ममता के विरुद्ध सिर्फ एक आंदोलन भर नहीं था बल्कि स्वाधीनता हेतु व्‍यापक जन-क्रांति थी जिसने अंग्रेजों के घुटने टिकवा उन्हें भारत छोड़ने पर विवश किया।

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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट किया कि ‘भारत छोड़ो आंदोलन' की वर्षगांठ के अवसर मैं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाले सभी स्वतंत्रता सेनानियों को स्मरण एवं नमन करता हूं. उनके संघर्ष की कहानियां आज भी जनमानस के हृदयपटल पर अंकित है. देश को दासता से मुक्ति दिलाने वाले इन सच्चे सपूतों के प्रति पुनः कोटि कोटि नमन!