32 साल बाद हिन्दुस्तान लौट रहा है विश्व हिन्दी सम्मेलन

32 साल बाद हिन्दुस्तान लौट रहा है विश्व हिन्दी सम्मेलन

विश्व हिन्दी सम्मेलन की परंपरा वर्ष 1975 में महाराष्ट्र के नागपुर नगर में आयोजित प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन से शुरू हुई थी और तब से नौ विश्व हिन्दी सम्मेलन विश्व के विभिन्न शहरों में आयोजित किए जा चुके हैं। पहला (1975) और तीसरा सम्मेलन (1983) भारतवर्ष में ही आयोजित किया गया था, और उसके बाद अब 10वां सम्मेलन 2015 में भारतीय राज्य मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 10 से 12 सितंबर को आयोजित होने जा रहा है, यानी भारत में विश्व हिन्दी सम्मेलन की वापसी 32 वर्ष बाद हो रही है। विश्व हिन्दी सम्मेलन भारत के अतिरिक्त दो बार (1976 तथा 1993 में) पोर्ट लुई (मॉरीशस) में आयोजित किया गया, तथा एक-एक बार पोर्ट ऑफ स्पेन (ट्रिनिडाड एण्ड टोबैगो - 1996), लंदन (इंग्लैंड - 1999), पारामारिबो (सूरीनाम - 2003), न्यूयार्क (अमेरिका - 2007) और जोहानिसबर्ग (दक्षिण अफ्रीका - 2012) में आयोजित हुआ।

पहले चार सम्मेलनों का मुख्य विषय 'वसुधैव कुटुंबकम्' रहा, जो क्रमश: नागपुर, पोर्ट लुई, नई दिल्ली तथा फिर पोर्ट लुई में आयोजित हुए। पोर्ट ऑफ स्पेन में आयोजित पांचवें सम्मेलन का मुख्य विषय 'आप्रवासी भारतीय और हिन्दी' रखा गया था, जबकि लंदन में आयोजित छठे सम्मेलन का मुख्य विषय 'हिन्दी और भावी पीढ़ी' रहा था। सूरीनाम में आयोजित किए गए सातवें सम्मेलन का आधार 'विश्व हिन्दी – नई शताब्दी की चुनौतियां' विषय को बनाया गया, जबकि न्यूयार्क में आठवें सम्मेलन के दौरान मुख्य विषय 'विश्व मंच पर हिन्दी' रखा गया। आखिरी बार जोहानिसबर्ग में वर्ष 2012 में विश्व हिन्दी सम्मेलन आयोजित किया गया था, जहां मुख्य विषय के रूप में 'भाषा की अस्मिता और हिन्दी का वैश्विक संदर्भ' पर चर्चा की गई।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

अब 10वें सम्मेलन का मुख्य विषय 'हिन्दी जगत : विस्तार एवं संभावनाएं' रखा गया है, जिस पर देश-विदेश के विद्वान समकालीन मुद्दों और विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, प्रशासन और विदेश नीति, विधि, मीडिया आदि के क्षेत्रों में हिन्दी के सामान्य प्रयोग और विस्तार से संबंधित तौर-तरीकों पर गंभीर चर्चा की जाएगी। इसके अतिरिक्त निर्धारित विषयों पर सम्मेलन में समानांतर शैक्षिक सत्र भी चलेंगे।