
Success story IPS Safin Hasan : ''लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती.....''
हरिवंश राय बच्चन द्वारा लिखी यह कविता देश के सबसे युवा आईपीएस अधिकारी सफीन हसन पर बिल्कुल सटीक बैठती है. जिनकी कहानी आज सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है.
सफीन हसन 1995 में गुजरात के पालनपुर के एक मजदूर परिवार में जन्मे, 2018 में यूपीएससी की परीक्षा 22 साल की उम्र में पास कर ली. आपको बता दें सफीन की अधिकारी बनने की डगर इतनी आसान नहीं थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके माता पिता हीरा उद्योग में काम करते थे. लेकिन 2000 में कुछ कारणों से दोनों की नौकरी चली गई. इसके बाद मां ने दूसरे के घर में रसोइए का काम शुरू कर दिया और पिता ईंट ढोने का. यही नहीं घर का खर्चा चलाने के लिए शाम को दोनों ने ठेले पर उबले अंडे भी लगाकर बेचते थे.
जानवरों की तरह हाथ और पैरों से चलते हैं यहां के लोग, ये है अजीबोगरीब वजह!
इन सब परेशानियों के बीच सफीक हसन का अधिकारी बनने का सपना पूरा करना बड़ी चुनौती था. लेकिन उन्होंने अपने अंदर के जुनून को कम नहीं होने दिया. अपना प्रयास जारी रखा है. इस कठिन दौर में सफीक के स्कूल ने बड़ी मदद की. उनकी 11 और 12 क्लास की फीस माफ कर दी. 12वीं पास करते ही सफीक हसन ने रिश्तेदारों की मदद से इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया औऱ अपनी तैयारी में लगे रहे.
लेकिन 2017 में उनके जीवन में बड़ा मोड़ आया. दरअसल, 2017 में जब हसन UPSC की परीक्षा देने जा रहे थे, तब उनका एक्सीडेंट हो गया. जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हुए. लेकिन सफीन ने घायल हालत में ही परीक्षा दी. जिसके बाद अस्पताल में एडमिट हुए. इस दौरान उन्होंने कई सर्जरी और फिजियोथेरेपी का दर्द झेला. और फिर कुछ दिन बाद यूपीएससी का रिजल्ट आया, जिसने उनके सारे दर्द और गम को भुला दिया. सफीन ने UPSC परीक्षा में ऑल इंडिया में महज 22 साल की उम्र में 570 रैंक हासिल करके सबसे युवा आईपीएस अधिकारी की लिस्ट में शामिल हो गए.
वो कहते हैं न जब हौसला बुलंद हो दृढ़शक्ति मजबूत हो तो बड़ी से बड़ी ताकतें आपके आगे नतमस्तक हो जाती हैं. आज, सफीन अपनी सिविल सेवा में उत्कृष्टता के साथ योगदान दे रहे हैं और देश भर के लाखों युवाओं के लिए एक मिसाल हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं