
गोविंदा और उनकी पत्नी सुनीता आहूजा की प्रेम कहानी तब शुरू हुई जब वह स्कूल में थीं और गोविंदा ने कॉलेज पूरा किया था. हाल ही में एक इंटरव्यू में सुनीता ने अपने रिश्ते के शुरुआती दिनों और अपने परिवार से मिले विरोध के बारे में बात की. गलट्टा इंडिया से बात करते हुए सुनीता ने याद किया कि उनके माता-पिता गोविंदा के साथ उनके रिश्ते के पक्ष में नहीं थे, खासकर जब इसका असर उनकी पढ़ाई पर पड़ने लगा. उन्होंने अपने स्कूल के दिनों की एक याद शेयर करते हुए कहा, "मैं आठवीं कक्षा में थी और मैं फेल हो गई. मैंने अपनी मां को इसके बारे में नहीं बताया, और तब तक मैं गोविंदा के साथ रिश्ते में आ चुकी थी.
मैंने अपनी मां से झूठ बोला कि मैं पास हो गई हूं. तो मेरी मां ने तवा गरम किया और मुझे यहां जला दिया. उन्होंने अपने गाल की हड्डी की ओर इशारा करते हुए कहा. और उन्होंने मुझसे मेरे झूठ के बारे में पूछताछ की. मेरी मां बहुत सख्त थीं. वह मुझे पढ़ाई के लिए मजबूर करती थीं, लेकिन मुझे इससे नफरत थी. जब भी मैं अपनी किताबें खोलती, मैं सो जाती.
सुनीता ने बचपन की एक और घटना के बारे में बताया , "एक बार मेरी बड़ी बहन मुझे पढ़ाई के लिए मजबूर कर रही थी, और मुझे पढ़ाई से नफ़रत थी. इसलिए मैंने एक ब्लेड लिया और उससे उसकी जांघ पर काट लिया." उन्होंने आगे बताया कि उन्हें पढ़ाई में मज़ा नहीं आता था, लेकिन उन्हें मैथ्स का शौक था क्योंकि उन्हें "पैसे से प्यार था."
सुनीता और गोविंदा की शादी 1987 में हुई थी. उनकी शादी की बात सालों तक गुप्त रखी गई और उनकी बेटी टीना के जन्म के बाद ही सार्वजनिक हुई. सुनीता ने यह भी बताया कि उनके पिता उनके रिश्ते के सख्त खिलाफ थे और शादी में शामिल नहीं हुए. उन्होंने बताया, "जब मेरी गोविंदा से शादी हुई, तो उनका एक बड़ा परिवार था. मेरी शादी सिर्फ़ 18 साल की उम्र में हुई थी. टीना के जन्म के समय मैं 19 साल की थी, इसलिए जब मेरा बच्चा हुआ तब मैं अभी बच्ची ही थी."
उसी बातचीत में टीना ने अपने माता-पिता बैकग्राउंड के बारे में बात की. उन्होंने कहा, "मेरी मां हॉट पैंट पहनती थीं, पाली हिल में रहती थीं और बहुत अमीर परिवार से थीं. मेरे पिताजी आर्थिक रूप से उतने मज़बूत नहीं थे. विरार में उनका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था. मेरे नाना बहुत अमीर थे.
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