प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान की सराहना करने के कारण पार्टी की वक्र दृष्टि का शिकार हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने आज महात्मा गांधी को याद करते हुए राज्य राजधानी के बाहरी हिस्से में स्वच्छता कार्यक्रम में भागीदारी की और कहा कि वह नरेंद्र मोदी के लिए गांधीजी को नहीं छोड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि देश को स्वच्छ रखना एक राष्ट्रीय सरोकार है और उनके द्वारा इसका समर्थन करने के कोई राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए।
थरूर ने अपने संसदीय क्षेत्र में यहां तटवर्ती नगर विझिंजम में स्थानीय निवासियों द्वारा कचरे की सफाई कार्यक्रम में भागीदारी की। इसके बाद उन्होंने अपने आलोचकों को शांत करवाने के प्रयास में कहा, 'वैसे भी यह कोई भाजपा का अभियान नहीं है..मैं मोदी के लिए गांधीजी को नहीं छोड़ूंगा..मैं मोदी के लिए (सरदार) पटेल को नहीं छोड़ूंगा।'
इस माह के शुरू में केरल प्रदेश कांग्रेस समिति (केपीसीसी) के दबाव में थरूर को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के प्रवक्ता पद से हटा दिया गया था। केपीसीसी ने पार्टी नेतृत्व से अनुरोध किया था कि वह मोदी और उनकी स्वच्छ भारत अभियान जैसी पहल की सराहना करने के लिए थरूर पर पाबंदी लगाएंगे।
अभियान में अपनी सक्रिय भागीदारी का बचाव करते हुए थरूर ने कहा, 'यह किसी एक राजनीतिक दल का विशेषाधिकार नहीं है और अपने आसपास की जगह को स्वच्छ रखने का संदेश पहली बार महात्मा गांधी ने दिया था।'
संवाददाताओं ने उनसे यह सवाल किया था कि क्या उनके इस कदम को पार्टी की चेतावनी के उल्लंघन के रूप में पेश नहीं किया जाएगा। इस पर उन्होंने कहा, 'गांधीजी ने कहा था कि साफ सफाई आजादी से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। लेकिन गांधी के लिए मन एवं शरीर की शुद्धता भी उतनी ही महत्वपूर्ण थी जिसका अर्थ है कि दिल से घृणा और हिंसा को दूर किया जाए।'
केरल की राजधानी से पिछली दो बार से सांसद ने कहा कि एआईसीसी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से यह भी कहा था कि वे दो अक्तूबर से शुरू होने वाले एक माह के स्वच्छता अभियान में शामिल हों।
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