छात्राओं ने दाखिल की थी याचिका.
नई दिल्ली:
दिल्ली की हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर रोक को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है. यह नोटिस दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस कमिश्नर, कानून मंत्रालय, हजरत निजामुद्दीन औलिया ट्रस्ट को जारी किया गया है. हाईकोर्ट ने यह नोटिस पुणे की कानून की कुछ छात्राओं की याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किया है. कानून की कुछ छात्राओं ने याचिका दायर कर हाई कोर्ट में दावा किया कि दरगाह के बाहर हिंदी और अंग्रेजी में नोटिस लगा हुआ है कि दरगाह में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति नही है.
याचिका में छात्राओं ने हाई कोर्ट में कहा है कि वे 27 नवंबर को दरगाह गई थीं, तब उन्हें दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी के बारे में जानकारी मिली. उन्होंने इसके बाद दिल्ली पुलिस, दरगाह का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट से दरगाह में प्रवेश के लिए आग्रह किया, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अपनी याचिका में कानून की छात्राओं ने हाईकोर्ट से गुजारिश की है कि वो केंद्र, दिल्ली सरकार, पुलिस, दरगाह का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट को निर्देश दे कि दरगाह में महिलाओ को अंदर जाने से कोई रोक नहीं सकता और महिलाओं के प्रवेश पर रोक असंवैधानिक है.
इस दरगाह में अजान और आरती की गूंज के साथ मनाई गई जन्माष्टमी, पहुंचे हजारों लोग
बता दें, वकील कमलेश कुमार मिश्रा के मार्फत दायर याचिका में केंद्र, दिल्ली सरकार, पुलिस और दरगाह का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट को निर्देश देने की मांग की गई है कि महिलाओं का प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश तय करें और महिलाओं के प्रवेश की अनुमति पर रोक को ‘असंवैधानिक' घोषित करें. पुणे की कानून की छात्राओं ने कहा है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने केरल के सबरीमाला में हर उम्र वर्ग की महिलाओं को प्रवेश देने की अनुमति दे दी है तो फिर राष्ट्रीय राजधानी की महिलाओं को दरगाह में प्रवेश देने से क्यों रोका जा रहा है.
सिर्फ हिंदू ही नहीं सूफी मुस्लिम भी मनाते हैं बसंत पंचमी का त्योहार
हाजी अली दरगाह के अंदरुनी हिस्से तक महिलाओं की एंट्री
याचिका में छात्राओं ने हाई कोर्ट में कहा है कि वे 27 नवंबर को दरगाह गई थीं, तब उन्हें दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी के बारे में जानकारी मिली. उन्होंने इसके बाद दिल्ली पुलिस, दरगाह का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट से दरगाह में प्रवेश के लिए आग्रह किया, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अपनी याचिका में कानून की छात्राओं ने हाईकोर्ट से गुजारिश की है कि वो केंद्र, दिल्ली सरकार, पुलिस, दरगाह का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट को निर्देश दे कि दरगाह में महिलाओ को अंदर जाने से कोई रोक नहीं सकता और महिलाओं के प्रवेश पर रोक असंवैधानिक है.
इस दरगाह में अजान और आरती की गूंज के साथ मनाई गई जन्माष्टमी, पहुंचे हजारों लोग
बता दें, वकील कमलेश कुमार मिश्रा के मार्फत दायर याचिका में केंद्र, दिल्ली सरकार, पुलिस और दरगाह का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट को निर्देश देने की मांग की गई है कि महिलाओं का प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश तय करें और महिलाओं के प्रवेश की अनुमति पर रोक को ‘असंवैधानिक' घोषित करें. पुणे की कानून की छात्राओं ने कहा है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने केरल के सबरीमाला में हर उम्र वर्ग की महिलाओं को प्रवेश देने की अनुमति दे दी है तो फिर राष्ट्रीय राजधानी की महिलाओं को दरगाह में प्रवेश देने से क्यों रोका जा रहा है.
सिर्फ हिंदू ही नहीं सूफी मुस्लिम भी मनाते हैं बसंत पंचमी का त्योहार
हाजी अली दरगाह के अंदरुनी हिस्से तक महिलाओं की एंट्री
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं