विज्ञापन
This Article is From Aug 26, 2016

बॉम्बे हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, महिलाओं को दी हाजी अली दरगाह के भीतरी भाग में जाने की इजाजत

बॉम्बे हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, महिलाओं को दी हाजी अली दरगाह के भीतरी भाग में जाने की इजाजत
मुंबई स्थित हाजी अली दरगाह (फाइल फोटो)
  • हाजी अली दरगाह के अंदरूनी हिस्से तक महिलाओं को जाने की अनुमति
  • 2011 तक महिलाओं के प्रवेश पर यहां कोई पांबदी नहीं थी.
  • पाबंदी को लेकर शरिया कानून का हवाला दिया गया
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
मुंबई: हाजी अली दरगाह के भीतरी भाग तक महिलाओं को जाने की इजाज़त मिल गई है.बॉम्बे हाइकोर्ट ने 2012 से महिलाओं के जाने पर लगी पाबंदी को असंवैधानिक बताते हुए हटा लिया है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से दरगाह जाने वाली महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है. 2011 तक महिलाओं के प्रवेश पर यहां कोई पांबदी नहीं थी. लेकिन 2012 में दरगाह मैनेजमेंट मे यह कहते हुए महिलाओं की एंट्री पर रोक लगा दी थी कि शरिया कानून के मुताबिक, महिलाओं का कब्रों पर जाना गैर-इस्लामी है.

हाजी अली दरगाह न्यास इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देना चाहता है और न्यास की ओर से दायर याचिका के कारण अदालत ने अपने इस आदेश पर छह हफ्ते के लिए रोक लगा दी है.

इस मामले पर सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारे संवैधानिक अधिकारों को छीना जा रहा था. उन्होंने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई.

तारीखों में जाने इस मामले पर विवाद
-जून 2012 : हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी
-15वीं सदी के पीर हाजी अली की मज़ार तक जाना मना
-16 नवंबर 2014 : बॉम्बे हाईकोर्ट में पाबंदी को चुनौती
-18 जनवरी 2016: बॉम्बे हाइकोर्ट ने कहा, सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला देखेंगे
-सबरीमाला केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतज़ार करेंगे
-3 फरवरी 2016: हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की राय भी मांगी
-9 फरवरी 2016 : महाराष्ट्र सरकार ने महिलाओं के प्रवेश का समर्थन किया
-25 अप्रैल 2016 : सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला पर त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड की खिंचाई की
-क्या मासिक धर्म में महिलाओं की पवित्रता मापी जा सकती है?: सुप्रीम कोर्ट
-12 मई 2016: मंज़ूर इलाक़े तक कुछ महिलाओं को जाने का अनुमति

हाजी अली की दरगाह मुंबई के वरली तट के पास टापू पर स्थित एक मस्जिद है, जिसमें दरगाह भी है. इसका निर्माण सैयद पीर हाजी अली शाह बुखारी की स्मृति में 1431 में बनाया गया था. यह दरगाह मुस्लिम एवं हिन्दू दोनों समुदायों के लिए विशेष धार्मिक महत्व रखती है. हाजी अली ट्रस्ट के अनुसार, हाजी अली उज़्बेकिस्तान के बुखारा प्रान्त से सारी दुनिया का भ्रमण करते हुए भारत पहुंचे थे.

यह दरगाह मुख्य सड़क से लगभग 400 मीटर की दूरी पर एक छोटे से टापू पर बनी है, जो समुद्र से घिरी हुई है और लगभग 4500 वर्ग फीट में फैली हुई है. यहां तक पहुंचने के लिए मुख्य सड़क से एक पुल बना हुआ है. दरगाह तक केवल निम्न ज्वार के समय ही पहुंचा जा सकता है, क्योंकि पुल की ऊंचाई काफी कम है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
बॉम्बे हाईकोर्ट, हाजी अली दरगाह, हाजी अली दरगाह में प्रवेश, महिलाओं का प्रवेश, Bombay High Court, Haji Ali Dargah
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com