
बीजेपी के नेतृत्व में बनी भारत सरकार के पत्नी से रेप की अवधारणा को 'खारिज' करने के बाद इस मुद्दे पर उसे खासी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। शशि थरूर ने इस मुद्दे पर कहा कि यह संस्कृति का मामला नहीं है। यह सेक्शुअल रिलेशन्स का मामला भी नहीं है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, यहां सवाल इस बात का है कि क्या हम किसी को किसी दूसरे नागरिक को प्रताड़ित करने की परमिशन दे रहे हैं और वे भी सिर्फ इसलिए कि उसने उस दूसरे नागरिक यानी महिला से शादी की है?? बीजेपी के सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि रेप तो रेप होता है..।
क्या है पूरा मामला..
भारत सरकार ने कहा है कि पत्नी से रेप की अवधारणा हमारे देश के लिए सही नहीं है। गृहराज्य मंत्री हरिभाई पारथाभाई चौधरी ने बुधवार को संसद में इसकी वजह यह बताई कि भारतीय समाज में शादी को पवित्र संस्कार माना जाता है। मंत्री ने कहा कि रेप कानूनों की समीक्षा के दौरान पत्नी से रेप को अपराध मानने जैसी कोई सिफ़ारिश लॉ कमीशन ऑफ इंडिया ने नहीं की थी। न ही IPC की धारा 375 में बदलाव की बात की थी। चौधरी राज्यसभा में डीएमके सांसद कनिमोई के सवाल का जवाब दे रहे थे।
डीएमके सांसद कनिमोई के क्या थे सवाल?
कनिमोई ने गृहमंत्रालय से पूछा था कि क्या सरकार IPC में दी गई रेप की परिभाषा में 'पत्नी से रेप' को अलग रखे जाने के प्रावधान को हटाने के लिए बिल लाने जा रही है। कनिमोई ने यह भी पूछा था कि UN की समिति ने भारत से 'पत्नी से रेप' को अपराध मानने की सिफ़ारिश की है?
सरकार की ही रही आलोचना...
वहीं शादी में रेप पर बीजेपी के सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, हमारे पास घरेलू उत्पीड़ने और दहेज आदि के लिए कानून है तो इसके लिए क्यों नहीं है? उन्होंने कहा कि रेप तो रेप होता है। सरकार के स्टैंड को उन्होंने नॉनसेंस बताया।
सामाजिक कार्यकर्ता कविता कृष्णन ने कहा कि जब राजनाथ सिंह कहते हैं कि शादी में रेप की अवधारणा को वह रिकनाइज नहीं करते क्योंकि यह पवित्र रिश्ता है तब वह यही तो कह रहे हैं कि शादी में हिंसा और रेप पवित्र हैं।
कुछ और तथ्य , क्या आप जानते हैं कि...
पत्नी से रेप की अवधारणा को लेकर कई अध्ययन भी हुए हैं। इसमें से एक है RICE इंस्टिट्यूट की स्टडी जो 2011 में भारत को केंद्र में रखकर की गई थी। इसमें सामने आया था कि...
पत्नी से रेप-
अपने पति के यौन हमले सहने वाली महिलाओं की संख्या दूसरों के यौन हमले सहने वालों से 40 गुना ज़्यादा है
हर दसवीं महिला ने पति से यौन अपराध झेला है
हर तीसरी महिला पति या पार्टनर की मारपीट का शिकार हुई है
इसके अलावा, UN की महिलाओं पर एक रिपोर्ट आई जिसके मुताबिक 2 अरब 60 करोड़ महिलाएं ऐसे देशों में रहती हैं जहां शादी में बलात्कार अपराध नहीं है।
क्या है पूरा मामला..
भारत सरकार ने कहा है कि पत्नी से रेप की अवधारणा हमारे देश के लिए सही नहीं है। गृहराज्य मंत्री हरिभाई पारथाभाई चौधरी ने बुधवार को संसद में इसकी वजह यह बताई कि भारतीय समाज में शादी को पवित्र संस्कार माना जाता है। मंत्री ने कहा कि रेप कानूनों की समीक्षा के दौरान पत्नी से रेप को अपराध मानने जैसी कोई सिफ़ारिश लॉ कमीशन ऑफ इंडिया ने नहीं की थी। न ही IPC की धारा 375 में बदलाव की बात की थी। चौधरी राज्यसभा में डीएमके सांसद कनिमोई के सवाल का जवाब दे रहे थे।
डीएमके सांसद कनिमोई के क्या थे सवाल?
कनिमोई ने गृहमंत्रालय से पूछा था कि क्या सरकार IPC में दी गई रेप की परिभाषा में 'पत्नी से रेप' को अलग रखे जाने के प्रावधान को हटाने के लिए बिल लाने जा रही है। कनिमोई ने यह भी पूछा था कि UN की समिति ने भारत से 'पत्नी से रेप' को अपराध मानने की सिफ़ारिश की है?
सरकार की ही रही आलोचना...
वहीं शादी में रेप पर बीजेपी के सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, हमारे पास घरेलू उत्पीड़ने और दहेज आदि के लिए कानून है तो इसके लिए क्यों नहीं है? उन्होंने कहा कि रेप तो रेप होता है। सरकार के स्टैंड को उन्होंने नॉनसेंस बताया।
सामाजिक कार्यकर्ता कविता कृष्णन ने कहा कि जब राजनाथ सिंह कहते हैं कि शादी में रेप की अवधारणा को वह रिकनाइज नहीं करते क्योंकि यह पवित्र रिश्ता है तब वह यही तो कह रहे हैं कि शादी में हिंसा और रेप पवित्र हैं।
कुछ और तथ्य , क्या आप जानते हैं कि...
पत्नी से रेप की अवधारणा को लेकर कई अध्ययन भी हुए हैं। इसमें से एक है RICE इंस्टिट्यूट की स्टडी जो 2011 में भारत को केंद्र में रखकर की गई थी। इसमें सामने आया था कि...
पत्नी से रेप-
अपने पति के यौन हमले सहने वाली महिलाओं की संख्या दूसरों के यौन हमले सहने वालों से 40 गुना ज़्यादा है
हर दसवीं महिला ने पति से यौन अपराध झेला है
हर तीसरी महिला पति या पार्टनर की मारपीट का शिकार हुई है
इसके अलावा, UN की महिलाओं पर एक रिपोर्ट आई जिसके मुताबिक 2 अरब 60 करोड़ महिलाएं ऐसे देशों में रहती हैं जहां शादी में बलात्कार अपराध नहीं है।
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