पीवी नरसिम्हा राव बीजेपी के प्रधानमंत्री नहीं थे : अभिषेक मनु सिंघवी

कांग्रेस के दिग्गज नेता और देश के प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव का जन्मदिन है. देश में आर्थिक सुधार का कदम उठाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री को  पीएम मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम के जरिए श्रद्धांजलि दी है.

पीवी नरसिम्हा राव बीजेपी के प्रधानमंत्री नहीं थे : अभिषेक मनु सिंघवी

नई दिल्ली :

कांग्रेस के दिग्गज नेता और देश के प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव का जन्मदिन है. देश में आर्थिक सुधार का कदम उठाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री को  पीएम मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम के जरिए श्रद्धांजलि दी है. वहीं राव की पार्टी कांग्रेस की ओर से भी सुबह आधिकारिक ट्विटर हैंडल से श्रद्धांजलि दी गई है. लेकिन आज 3 बजे हुई प्रेस कॉन्फ्रेस में जब एनडीटीवी के पत्रकार उमाशंकर सिंह ने पूछा, 'सोनिया या राहुल गांधी ने अभी तक  राव को श्रद्धांजलि क्यों नहीं दी है', इस पर कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह मजाक हो गया है कभी सरदार पटेल से लेकर, सुभाष चंद्र बोस और कभी नरसिम्हा राव तक चले जाते हैं कि हमने सबका तिरस्कार किया है. उन्होंने कहा कि नरसिम्हा राव बीजेपी के प्रधानमंत्री नहीं थे. वो हमारे नेता थे हम हर साल उनको याद करते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की ओर से उन्हें सुबह ही श्रद्धांजलि दी गई है और कांग्रेस पार्टी सोनिया गांघी या राहुल गांधी अलग-अलग नहीं है. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी के जवाब के बाद पार्टी की तरफ़ से राहुल गांधी के फ़ेसबुक पेज का एक लिंक शेयर किया गया जिसमें 3 घंटे पहले ही (प्रेस कॉन्फ्रेंस के) पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को श्रद्धांजलि दी गई थी. सवाल है कि जब हर अहम बात ट्विटर के ज़रिए राहुल गांधी करते हैं जिस पर सबकी नज़र जाती है तो क्या पूर्व प्रधानमंत्री जिन्होंने पांच साल तक देश पर राज किया उनको श्रद्धांजलि ट्विटर पर क्यों नहीं दी गई. 

गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव के साथ गांधी परिवार के रिश्ते सहज नहीं रहे हैं. एक ओर जहां कांग्रेस उनके आर्थिक सुधारों को लेकर किए गए फैसलों को श्रेय राजीव गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह को देने की कोशिश करती रही है तो दूसरी ओर उनके कार्यकाल में बाबरी मस्जिद कांड पर कांग्रेस हमेशा दबाव में रहती है. हालांकि आज हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में अभिषेक मनु सिंघवी ने जरूर कहा, 'ये सवाल बेवजह उठाया जाता है. वे हमारे पीएम थे और हम हमेशा उन्हें सम्मान देते हैं. 

पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव को उनके जन्म-शताब्दी वर्ष में याद करते हुए आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज बुलंद करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ने वाले इस 'राजनेता' ने 'एक नाजुक दौर' में देश का नेतृत्व किया.  उन्होंने कहा, 'देश आज अपने एक भूतपूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दे रहा है, जिन्होंने एक नाजुक दौर में देश का नेतृत्व किया. जब हम नरसिम्हा राव के बारे में बात करते हैं तो स्वाभाविक रूप से राजनेता के रूप में उनकी छवि हमारे सामने उभरती है' प्रधानमंत्री ने राव को देश के सबसे अनुभवी नेताओं में एक बताया और कहा कि वे भारतीय मूल्यों में रचे बसे थे.

पीएम मोदी ने कहा कि राव अपनी किशोरावस्था में ही स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए थे और जब हैदराबाद के निजाम ने 'वन्दे मातरम्' गाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था तब उनके ख़िलाफ़ आंदोलन में राव ने भी सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था.  प्रधानमंत्री ने कहा, 'उस समय, उनकी उम्र सिर्फ 17 साल थी. छोटी उम्र से ही नरसिम्हा राव अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज उठाने में आगे थे. अपनी आवाज बुलंद करने में वह कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते थे.'

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बहुत ही साधारण पृष्ठभूमि से उठकर देश की बागडोर संभालने वाले राव के सफर को याद करते हुए मोदी ने आग्रह किया कि उनके जन्म-शताब्दी वर्ष में लोगों को उनके जीवन और विचारों के बारे में ज्यादा-से-ज्यादा जानने का प्रयास करना चाहिए.  राव का जन्म अविभाजित आंध्र प्रदेश के करीमनगर में 28 जून 1921 को हुआ था. साल 1991 से लेकर 1996 तक देश के प्रधानमंत्री रहे राव का 23 दिसंबर 2004 को निधन हो गया.