यह ख़बर 11 फ़रवरी, 2014 को प्रकाशित हुई थी

केजरीवाल के निशाने पर कौन?

नई दिल्ली:

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को जब प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई, तो सबको लग रहा था कि वह जनलोकपाल पर केंद्र से हो रहे टकराव पर कोई बड़ा एलान कर सकते हैं। लेकिन केजरीवाल ने सबको चौंकाते हुए बताया कि दिल्ली सरकार के पास चार जाने माने लोगों की शिकायत आयी है, जिसके आधार पर दिल्ली सरकार अपने एंटी करप्शन ब्यूरो को पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली, पूर्व पेट्रोलियम मंत्री मुरली देओरा और रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी पर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दे रही है।

वैसे केजरीवाल के लिए यह कोई नई बात नहीं है, इससे पहले भी केजरीवाल रिलायंस और सरकार के मंत्रियों में साठगांठ का आरोप लगा चुके हैं। वैसे सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या दिल्ली सरकार का एंटी करप्शन ब्यूरो इस मामले कि जांच केवल इस आधार पर कर सकता है कि यह सांठगांठ दिल्ली की सीमा में हुई थी?

सवाल यह भी है कि आखिर जब चर्चा इस बात पर हो रही थी कि जनलोकपाल पास होगा या नहीं होगा, सरकार रहेगी या नहीं रहेगी, इतने गर्मागर्म माहौल में केजरीवाल को क्या सूझी एक नया मोर्चा खोलने की?

शायद केजरीवाल दिखाना चाहते हैं कि कांग्रेस उनके जनलोकपाल का समर्थन इसलिए नहीं कर रही, क्योंकि उनके अपने मंत्रियों पर गंभीर आरोप हैं, साथ ही कांग्रेस से समर्थन लेने के बाद भी वह कांग्रेस के साथ नरमी दिखाने के मूड में नहीं हैं और सबसे बड़ी बात यह कि आज के आरोप एक चुनी हुई सरकार का मुख्यमंत्री लगा रहा है, जिसका वजन ज्यादा होता है। कल को सरकार गिरने के बाद (अगर गिरी तो) केजरीवाल अगर आरोप लगाएंगे, तो वह आरोप केजरीवाल के होंगे, दिल्ली सरकार के नहीं।

लेकिन जहां तक मुझे समझ आ रहा है और मैं अरविंद केजरीवाल की राजनीति को समझ पा रहा हूं उनका निशाना कहीं और है। आने वाले दिनों में कुछ और बड़े नामों पर कार्रवाई हो सकती है और तभी साफ होगा कि केजरीवाल ये तीर किसके लिए चला रहे हैं।

और हां एक बात और.... बुधवार को केंद्र सरकार को तय करना है कि दिल्ली सरकार के सीधा जनलोकपाल को दिल्ली विधान सभा में पेश करने पर उसका क्या मानना है। वैसे केंद्र की राय जो भी हो दिल्ली सरकार हर हाल में गुरुवार को जनलोकपाल और स्वराज बिल दिल्ली विधानसभा में रख देगी।

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जहां तक मुझे आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार से खबर मिल रही है, ऐसा मानकर चला जा रहा है कि सरकार नहीं गिरने वाली और ये बिल पास हो जाएंगे। लेकिन कैसे? कौन झुकेगा? कौन पीछे हटेगा? कौन बीच का रास्ता दिखाएगा? बस कुछ देर इंतजार कीजिए, मैं आपको यह भी बताऊंगा।