कहां है असहनशीलता, देश में पूरी शांति, हमारा देश कभी असहनशील नहीं था : अरुण जेटली

कहां है असहनशीलता, देश में पूरी शांति, हमारा देश कभी असहनशील नहीं था : अरुण जेटली

वित्तमंत्री अरुण जेटली

सहनशीलता को लेकर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि लेखकों-कवियों तथा अन्य लोगों द्वारा सम्मान लौटाए जाने की कोई तुक नहीं है, क्योंकि देश में पूरी तरह शांति बनी हुई है, और असहनशीलता कहीं नहीं दिखती। वित्तमंत्री ने सवाल करते हुए कहा, "कहां है असहनशीलता...? देश में पूरी तरह शांति बनी हुई है, और हमारा देश न कभी असहनशील था, और न कभी होगा..." उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य दलों के राज्यों में ये घटनाएं घट रही हैं, उसके लिए केंद्र सरकार को दोषी क्यों ठहराया जा रहा है।

वहीं जब संवाददाताओं ने उनसे पूछा कि शाहरुख खान भी कह रहे हैं कि असहनशीलता नहीं होनी चाहिए तब जेटली ने कहा, अगर कोई व्यक्ति कह रहा है कि असहनशीलता नहीं होनी चाहिए तो इसमें गलत क्या है।

गोमांस विवाद समेत हाल की कुछ घटनाओं को विसंगति बताते हुए जेटली ने कहा कि पुरस्कार लौटाने को उचित नहीं ठहराया जा सकता और राष्ट्रीय स्तर पर स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण है। भारत पूरी तरह से उदार लोकतंत्र और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के लिए प्रतिबद्ध है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘ सौहार्द का माहौल है । यह देश कभी भी असहिष्णु नहीं रहा और कभी असहिष्णु होगा भी नहीं। ’’ जेटली से कांग्रेस के नेताओं द्वारा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने के लिए विरोध मार्च निकालने और इस मुद्दे पर वामपंथी बुद्धिजीवियों द्वारा सेमिनार आयोजित करने के बारे में पूछा गया था।

जेटली ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी के बयान पर कोई टिप्पणी करने से इंकार करते हुए कहा कि वे किसी की निजी राय का जवाब देना जरूरी नहीं समझते हैं।

उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा के उस बयान पर भी टिप्पणी करने से इंकार किया कि जेटली दिल्ली में भाजपा की हार के लिए जिम्मेदार थे और अगर भाजपा बिहार में हारती है तब अमित शाह को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

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(इनपुट्स एजेंसी से भी)