केंद्रीय बजट 2019-20 में सरकार ने अगर कोई बैंक से एक करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी करता है तो उस पर टीडीएस या टैक्स लगाने का प्रस्ताव पेश किया था. इसके तहत व्यक्तिगत या किसी संस्था द्वारा बैंक से एक करोड़ रुपए या इससे अधिक रुपए तक की निकासी करने पर 2 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में वित्त विधेयक (फाइनेंस बिल) पेश किया, जिसमें सरकार ने आयकर अधिनियम के अंतर्गत एक नया खंड (धारा-194एन) शुरू करने का प्रस्ताव रखा.
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टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक आयकर अधिनियम में संशोधन 1 सितंबर को लागू होगा, जिसका मकसद कैश में लेन-देन में कमी लाना है. कर विशेषज्ञ नवीन वाधवा ने एनडीटीवी से फोन पर बातचीत पर कहा, ''भारत को कैशलेश इकोनॉमी बनाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं.''
हालांकि सरकार ने वित्त विधेयक (फाइनेंस बिल) में उल्लेख किया है कि यदि बैंक या पोस्ट ऑफिस से केंद्र सरकार, राज्य सरकार, बैंक, सहकारी बैंक, डाकघर, व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर्स और आरबीआई के परामर्श के साथ सरकार द्वारा अधिसूचित व्यक्ति इतना कैश निकालता है तो टैक्स नहीं देना होगा.
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वाधवा ने बताया कि ''यदि एक व्यक्ति 4 लाख रुपए प्रति सप्ताह निकालता है तो 10 महीने में वह 1 करोड़ रुपए की लिमिट पार कर जाएगा. ऐसे में 2 प्रतिशत के हिसाब से टैक्स कटेगा. एक करोड़ रुपए पर बैंक 2 लाख रुपए टैक्स काटेगा और सरकार को जमा करा देगा.''
उन्होंने आगे बताया कि सरकार ने वित्त विधेयक (फाइनेंस बिल) में सेक्शन 194एन को पेश किया है कि यदि एक व्यक्ति या संस्था बैंक खाते से एक करोड़ या इससे अधिक बैंक से निकासी करता है तो सरकार ने बैंकों को 2 प्रतिशत पर टीडीएस काटने का निर्देश दिया है, हालांकि यह टैक्स एकमुश्त निकासी के लिए ही नहीं बल्कि कुल निकासी पर है."
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