मुलायम सिंह ने कहा कि समाज में धर्म, जाति, भाषा और क्षेत्रवाद के नाम पर भेदभाव तथा हिंसा होती है
नई दिल्ली:
लोकसभा में सपा संस्थापक प्रमुख मुलायम सिंह ने सोमवार को कुछ ऐसा कह दिया कि कोई भी बिना हंसे नहीं रह सका. भीड़ द्वारा गौरक्षा के नाम पर लोगों की पीट-पीटकर हत्या किए जाने पर चल रही बहस के दौरान पत्नियों के संबंध में कुछ बोला कि कोई भी उनके जवाब का उत्तर नहीं दे सका. पूरे सदन में एक भी ऐसा सदस्य नहीं था जो सच्चाई से उनके प्रश्न का उत्तर दे पाता. इसके बाद मुलायम ने चुटकी ली.
दरअसल भीड़ द्वारा गौरक्षा के नाम पर लोगों की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के संबंध में लोकसभा में बहस चल रही थी. इसी बीच सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि सबसे पहले अत्याचार और उत्पीड़न की शुरुआत परिवार से होती है. महिलाओं को दबाया जाता है. पत्नियों पर अत्याचार किया जाता है. उन्होंने कहा कि समाज में समरसता कायम करने के लिए सबसे पहले परिवार में समरसता कायम करने की जरूरत है और इसके लिए पत्नियों पर अत्याचार बंद करने की शपथ ली जानी चाहिए. उन्होंने सदस्यों से लोकसभा में ऐसी शपथ लेने का आह्वान किया .
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मुलायम सिंह ने सदन में सोमवार को नियम 193 के तहत देश में अत्याचारों और भीड़ द्वारा हिंसा में जान से मारने की कथित घटनाओं से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा ,"आप में से कौन कौन सांसद अपनी पत्नी को दबा कर नहीं रखते, हाथ खड़े करें." जब किसी सदस्य ने हाथ खड़ा नहीं किया तो मुलायम सिंह बोले कि देख लीजिए , जब सदन में यह स्थिति है तो देश में क्या हाल होगा. इस पर भाजपा के केवल एक सदस्य ने हाथ खड़ा किया जिस पर सपा नेता ने कहा कि अच्छी बात है कि आप अपनी पत्नी को दबाकर नहीं रखते. इस पर सदन में ठहाके गूंज उठे.
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उन्होंने कहा कि समाज में धर्म, जाति, भाषा और क्षेत्रवाद के नाम पर भेदभाव तथा हिंसा होती है और जहां तक आदमी औरत की बात है तो समाज में औरतों पर सबसे ज्यादा अत्याचार होता है. उन्होंने कहा कि समाज की हिंसा की शुरूआत परिवार से होती हैऔर इसे रोका जाना चाहिए.
(इनपुट भाषा से भी)
दरअसल भीड़ द्वारा गौरक्षा के नाम पर लोगों की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के संबंध में लोकसभा में बहस चल रही थी. इसी बीच सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि सबसे पहले अत्याचार और उत्पीड़न की शुरुआत परिवार से होती है. महिलाओं को दबाया जाता है. पत्नियों पर अत्याचार किया जाता है. उन्होंने कहा कि समाज में समरसता कायम करने के लिए सबसे पहले परिवार में समरसता कायम करने की जरूरत है और इसके लिए पत्नियों पर अत्याचार बंद करने की शपथ ली जानी चाहिए. उन्होंने सदस्यों से लोकसभा में ऐसी शपथ लेने का आह्वान किया .
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उन्होंने कहा कि समाज में धर्म, जाति, भाषा और क्षेत्रवाद के नाम पर भेदभाव तथा हिंसा होती है और जहां तक आदमी औरत की बात है तो समाज में औरतों पर सबसे ज्यादा अत्याचार होता है. उन्होंने कहा कि समाज की हिंसा की शुरूआत परिवार से होती हैऔर इसे रोका जाना चाहिए.
(इनपुट भाषा से भी)
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