अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और पीएम मोदी की फाइल फोटो
वाशिंगटन:
भारत द्वारा नियंत्रण रेखा के पार आतंकियों के लॉन्च पैड पर बुधवार देर रात सर्जिकल स्ट्राइक के खुलासे के बाद अमेरिका ने भारत को अपना समर्थन दोहराते हुए जोर दिया कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ना चाहिए. अमेरिका ने पाकिस्तान से मांग की है कि वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के साथ-साथ उनकी वैधता खत्म करे.
हालांकि इस बीच कई अहम सवाल थे, जिस पर व्हाइट हाउस ने कोई बात नहीं की. इस बात के अभी कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले हैं कि इस सर्जिकल स्ट्राइक में अमेरिका की भूमिका थी या फिर उसे इस बारे में पहले से पता था. हालांकि व्हाइट हाउस ने इन अटकलों को ना तो नकारा है, ना ही इनकी पुष्टि की है.
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यह भी पढ़ें- ये महज़ सर्जिकल स्ट्राइक नहीं है
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अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि कश्मीर में उरी स्थित भारतीय सेना के कैंप जैसा आतंकवादी हमला 'निश्चित रूप से' तनाव बढ़ाता है. किर्बी ने संवाददाताओं से कहा, 'नि:संदेह उसके (उरी) जैसा (आतंकवादी) हमला तनाव को बढ़ाता है. एक चीज जो मैं नहीं चाहता कि इसका किसी एक या दूसरी तरह से वर्णन करूं, लेकिन स्पष्ट रूप से इस तरह का हमला भय पैदा करने वाला है.' किर्बी ने यह जवाब एक संवाददाता के उस सवाल पर दिया, जो उसने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारत के सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर किया था.
अमेरिकी विदेशमंत्री जॉन केरी और उनकी भारतीय समकक्ष सुषमा स्वराज के बीच इस हफ्ते के शुरुआत में टेलीफोन पर हुई बातचीत का जिक्र करते हुए सवांददाता ने पूछा, 'लेकिन वह भारतीय जवाबी कार्रवाई है... क्या उस तरह के तनाव बढ़ने के खिलाफ विदेशमंत्री केरी चेतावनी दे रहे थे?' किर्बी ने तब झट से स्पष्ट किया कि वह उरी के आतंकवादी हमले का जिक्र कर रहे थे. प्रवक्ता ने कहा, 'ओह, मैंने सोचा कि आप उरी हमले के बारे में बात कर रहे हैं.'
गौरतलब है कि 27 सितंबर को केरी ने सुषमा से बातचीत की थी. तकनीकी कारणों से यह संवाद दो अलग-अलग कॉल में किया गया था. उन्होंने कहा, 'मैं आपको इसकी पुष्टि कर सकता हूं कि इस हफ्ते 27 तारीख को अमेरिकी विदेशमंत्री ने भारतीय विदेशमंत्री सुषमा से बातचीत की थी और 18 सितंबर के उरी हमले की फिर से कड़ी निंदा की थी.'
इसके साथ ही किर्बी ने दोनों देशों के बीच तनाव को खत्म करने का आह्वान भी किया. उन्होंने कहा, 'हमने उन रिपोर्ट्स (भारतीय सर्जिकल हमला) को देखा है. जैसा कि आप समझ सकते हैं कि हम हालात पर करीबी नजर रखे हुए हैं.' उन्होंने कहा, 'हमारा मानना है कि तनाव को कम करने के लिए निरंतर संवाद होना महत्वपूर्ण है.'
वाशिंगटन में ऐसा मानना है कि यह बयान इस्लामाबाद को संदेश था कि वह बदले की कार्रवाई ना करे. पाकिस्तान को अमेरिका में कोई खास समर्थन भी मिलता नहीं दिख रहा, जहां कई अमेरिकी नेताओं ने आतंकियों के समर्थन को लेकर पाकिस्तान की निंदा की है और उसे आतंकी देश का तमगा देने से जुड़ा एक विधेयक विचाराधीन है.
इससे पहले पीओके में भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के घोषणा के बाद अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुजन राइस ने भारतीय समकक्ष अजित डोभाल से फोन पर बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि अमेरिका 'सीमा पार से जारी आतंकवाद के खतरे को लेकर चिंतित है'. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी घोषित किए गए लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद समेत आतंकवादी संगठनों से निपटे और उनकी वैधता खत्म करे.
हालांकि इस बीच कई अहम सवाल थे, जिस पर व्हाइट हाउस ने कोई बात नहीं की. इस बात के अभी कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले हैं कि इस सर्जिकल स्ट्राइक में अमेरिका की भूमिका थी या फिर उसे इस बारे में पहले से पता था. हालांकि व्हाइट हाउस ने इन अटकलों को ना तो नकारा है, ना ही इनकी पुष्टि की है.
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अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि कश्मीर में उरी स्थित भारतीय सेना के कैंप जैसा आतंकवादी हमला 'निश्चित रूप से' तनाव बढ़ाता है. किर्बी ने संवाददाताओं से कहा, 'नि:संदेह उसके (उरी) जैसा (आतंकवादी) हमला तनाव को बढ़ाता है. एक चीज जो मैं नहीं चाहता कि इसका किसी एक या दूसरी तरह से वर्णन करूं, लेकिन स्पष्ट रूप से इस तरह का हमला भय पैदा करने वाला है.' किर्बी ने यह जवाब एक संवाददाता के उस सवाल पर दिया, जो उसने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारत के सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर किया था.
अमेरिकी विदेशमंत्री जॉन केरी और उनकी भारतीय समकक्ष सुषमा स्वराज के बीच इस हफ्ते के शुरुआत में टेलीफोन पर हुई बातचीत का जिक्र करते हुए सवांददाता ने पूछा, 'लेकिन वह भारतीय जवाबी कार्रवाई है... क्या उस तरह के तनाव बढ़ने के खिलाफ विदेशमंत्री केरी चेतावनी दे रहे थे?' किर्बी ने तब झट से स्पष्ट किया कि वह उरी के आतंकवादी हमले का जिक्र कर रहे थे. प्रवक्ता ने कहा, 'ओह, मैंने सोचा कि आप उरी हमले के बारे में बात कर रहे हैं.'
गौरतलब है कि 27 सितंबर को केरी ने सुषमा से बातचीत की थी. तकनीकी कारणों से यह संवाद दो अलग-अलग कॉल में किया गया था. उन्होंने कहा, 'मैं आपको इसकी पुष्टि कर सकता हूं कि इस हफ्ते 27 तारीख को अमेरिकी विदेशमंत्री ने भारतीय विदेशमंत्री सुषमा से बातचीत की थी और 18 सितंबर के उरी हमले की फिर से कड़ी निंदा की थी.'
इसके साथ ही किर्बी ने दोनों देशों के बीच तनाव को खत्म करने का आह्वान भी किया. उन्होंने कहा, 'हमने उन रिपोर्ट्स (भारतीय सर्जिकल हमला) को देखा है. जैसा कि आप समझ सकते हैं कि हम हालात पर करीबी नजर रखे हुए हैं.' उन्होंने कहा, 'हमारा मानना है कि तनाव को कम करने के लिए निरंतर संवाद होना महत्वपूर्ण है.'
वाशिंगटन में ऐसा मानना है कि यह बयान इस्लामाबाद को संदेश था कि वह बदले की कार्रवाई ना करे. पाकिस्तान को अमेरिका में कोई खास समर्थन भी मिलता नहीं दिख रहा, जहां कई अमेरिकी नेताओं ने आतंकियों के समर्थन को लेकर पाकिस्तान की निंदा की है और उसे आतंकी देश का तमगा देने से जुड़ा एक विधेयक विचाराधीन है.
इससे पहले पीओके में भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के घोषणा के बाद अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुजन राइस ने भारतीय समकक्ष अजित डोभाल से फोन पर बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि अमेरिका 'सीमा पार से जारी आतंकवाद के खतरे को लेकर चिंतित है'. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी घोषित किए गए लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद समेत आतंकवादी संगठनों से निपटे और उनकी वैधता खत्म करे.
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