Citizenship Amendment Act: क्या है नागरिकता संशोधन कानून? जानिए इसके बारे में सब कुछ

नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act, CAA) के खिलाफ देश के 10 से ज्यादा संस्थानों में प्रदर्शन हो रहा है.

Citizenship Amendment Act: क्या है नागरिकता संशोधन कानून? जानिए इसके बारे में सब कुछ

CAA के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जामिया के छात्र

खास बातें

  • CAA को लेकर देश भर में प्रदर्शन हो रहा है.
  • पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर इलाके में सीएए को लेकर जमकर बवाल हुआ.
  • जामिया में प्रदर्शन अभी भी जारी है.
नई दिल्‍ली:

नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन जारी है. मंगलवार को जामिया (Jamia) के बाद पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर इलाके में सीएए (CAA) को लेकर जमकर बवाल हुआ. सीलमपुर इलाके में रैली निकाली गई जिस दौरान स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव किया. भीड़ से निपटने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. वहीं, जामिया में प्रदर्शन अभी भी जारी है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों के नेताओं ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस कार्रवाई को लेकर विपक्ष ने न्यायिक जांच की मांग की है. बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ देश के 10 से ज्यादा संस्थानों में प्रदर्शन हो रहा है. 

क्या है नागरिकता संशोधन कानून (CAA)
CAB (Citizenship Amendment Bill) संसद में पास होने और राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद नागरिक संशोधन कानून (CAA, Citizenship Amendment Act) बन गया है. सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट की मदद से पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और आस-पास के देशों में धार्मिक उत्पीड़न के कारण वहां से भागकर आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी.

इस एक्ट में मुस्लिम धर्म के लोगों को शामिल नहीं किया गया है. नागरिकता संशोधन बिल के कानून बनने के बाद अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और आस-पास के देशों के हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के वो लोग जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 की निर्णायक तारीख तक भारत में प्रवेश कर लिया था. वे सभी भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे.

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CAA में यह भी व्यवस्था की गयी है कि उनके विस्थापन या देश में अवैध निवास को लेकर उन पर पहले से चल रही कोई भी कानूनी कार्रवाई स्थायी नागरिकता के लिए उनकी पात्रता को प्रभावित नहीं करेगी. साथ ही ओसीआई कार्ड धारक यदि शर्तों का उल्लंघन करते हैं तो उनका कार्ड रद्द करने का अधिकार केंद्र को मिलेगा.