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This Article is From Jun 13, 2019

पश्चिम बंगाल: डॉक्टरों ने नहीं माना ममता बनर्जी का अल्टीमेटम, कहा- मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी

पश्चिम बंगाल में हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने दोपहर दो बजे तक काम पर लौटने के ममता बनर्जी के निर्देश को नहीं माना.

ममता बनर्जी (फाइल फोटो)

पश्चिम बंगाल:

पश्चिम बंगाल में हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने दोपहर दो बजे तक काम पर लौटने के ममता बनर्जी के निर्देश को नहीं माना और कहा कि सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा संबंधी मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा. कोलकाता में एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में अपने दो सहकर्मियों पर हमले के बाद डॉक्टर मंगलवार से ही प्रदर्शन कर रहे हैं. पिछले तीन दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्से में चिकित्सा सेवा बाधित होने के मद्देनजर बनर्जी दोपहर में सरकारी एसएसकेएम अस्पताल पहुंची और काम पर नहीं लौटने को लेकर डॉक्टरों को कार्रवाई के प्रति आगाह किया था. डॉक्टरों की एक टीम ने इस मुद्दे पर राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात की और कहा कि उनके प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री का बयान अप्रत्याशित है.  

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राज्यपाल से भेंट के बाद राजभवन के बाहर एक डॉक्टर ने कहा, ‘‘मांग पूरी होने तक हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे. हमने राज्यपाल से बात की है. उन्होंने हमें सुना और उम्मीद है वह मुख्यमंत्री से बात करेंगे. आपको बता दें कि ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने डॉक्टरों को अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि, 'जो डॉक्टर काम पर नहीं लौटेंगे उन्हें हॉस्पिटल छोड़ना होगा. वे बाहरी हैं. सरकार उनका किसी हालत में समर्थन नहीं करेगी. मैं उन डॉक्टरों की निंदा करती हूं जो हड़ताल पर गए हैं. एक पुलिसवाले की ड्यूटी के दौरान मौत हो जाती है लेकिन पुलिस हड़ताल नहीं करती.'

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बता दें कि बंगाल में डॉक्टरों का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. यहां जूनियर डॉक्टर्स प्रदर्शन कर रहे हैं और उनका समर्थन करने के लिए सीनियर डॉक्टर्स भी सामने आ गए हैं. इस वजह से बुधवार को बंगाल में स्वास्थ्य सेवाएं ठप रही थीं. मंगलवार को जूनियर डॉक्टरों ने उस वक्त प्रदर्शन शुरू किया था जब एक इंटर्न डॉक्टर के साथ कोलकाता के एक हॉस्पिटल में मारपीट हुई थी. ये मारपीट एक मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों ने की थी. इस वजह से सरकारी हॉस्पिटल के ओपीडी को बुधवार को सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक बंद रखने की बात सामने आई थी. हालांकि इमरजेंसी डिपार्टमेंट खुला रहा था लेकिन डॉक्टरों की उपस्थिति कम होने की वजह से सेवाएं बाधित रही थीं. 

सरकारी के अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल्स में भी सेवाएं बाधित रही थीं क्योंकि कई प्राइवेट हॉस्पिटल्स ने इस घटना पर रोष जताया था. दरअसल एनआरएस मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के जूनियर डॉक्टर के साथ सोमवार रात मारपीट हुई थी जिससे जूनियर डॉक्टर के सिर में गहरी चोट लगी थी और उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था. 

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इस घटना के बाद कोलकाता हॉस्पिटल के जूनियर डॉक्टर्स ने काम करना बंद कर दिया और बेहतर सुरक्षा की मांग की थी. उन्होंने पुलिस पर भी आरोप लगाया था कि जब उनके साथी डॉक्टर के साथ मारपीट हो रही थी तब पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया. कुछ मंत्री और पुलिस अधिकारी जब हॉस्पिटल पहुंचे थे तो उन्हें भी प्रदर्शन का सामना करना पड़ा. धीरे-धीरे यह प्रदर्शन बंगाल के कई हिस्सों में फैल गया था. राज्य सरकार ने मंगलवार को जूनियर डॉक्टरों को सुरक्षा का आश्वासन दिया था, लेकिन उन्होंने विरोध करना बंद नहीं किया था. (इनपुट-भाषा)

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