पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एलान किया कि राज्य ने केंद्र की आयुष्मान भारत योजना से बाहर आने का फैसला किया है और नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार पर स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम के तहत ‘बड़े-बड़े दावे' करने का आरोप लगाया. सरकार के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस सरकार ने योजना से अलग होने के अपने फैसले के बारे में जानकारी देने के लिए केंद्र को चिट्ठी लिखी है. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल अगस्त में महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत या राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना का शुभारंभ किया था.
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इसका लक्ष्य प्रति परिवार का पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कराकर 10 करोड़ से ज्यादा गरीब और वंचित परिवारों को (करीब 50 करोड़ लाभार्थी को) इस योजना के दायरे में लाना है. इस योजना के तहत 60 फीसदी खर्च केंद्र और 40 फीसदी खर्च राज्य वहन करता है. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने हर घर में योजना के बारे में बताने के लिए पत्र भेजा है जिसमें उनकी फोटो और कमल का चिन्ह है. ऐसा करके उन्होंने स्वास्थ्य योजना का ‘राजनीतिकरण' किया है. बनर्जी ने कहा कि केंद्र इन पत्रों को भेजने के लिए डाक कार्यालयों का ‘इस्तेमाल' कर रही है. उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘आप (नरेंद्र मोदी) राज्य के हर घर में अपनी तस्वीरों को लगाकर पत्र भेज रहे हैं और योजना का श्रेय लेने के लिए बड़े-बड़े वायदे कर रहे है. तो, मैं 40 प्रतिशत का खर्च क्यों वहन करूं?
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उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो एनडीए सरकार को पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए.'' मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर किसानों को फसल बीमा के फायदों को लेकर ‘झूठे दावे' करने का भी आरोप लगाया. इस योजना में राज्य सरकार 80 प्रतिशत का व्यय वहन कर रही है.
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