बंगाल: विधायक देबेंद्र नाथ रे की मौत के मामले ने तूल पकड़ा, बीजेपी ने की CBI जांच की मांग..

विजयवर्गीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे थे और उन्होंने गृह मंत्री से विधायक रे की मौत की जांच के आदेश देने का आग्रह किया है.

बंगाल: विधायक देबेंद्र नाथ रे की मौत के मामले ने तूल पकड़ा, बीजेपी ने की CBI जांच की मांग..

रे की मौत मामले में बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने कैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्‍व में गृहमंत्री से मुलाकात की

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल (West Bengal) में बीजेपी नेता देबेंद्र नाथ रे (Debendra Nath Roy) की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. BJP ने मंगलवार को इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दरवाजे पर दस्तक दी और पूरे मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की. महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) के नेतृत्व में बीजेपी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और माकपा से बीजेपी में आने वाले नेता रे की मौत की जांच के लिए CBI जांच शुरू करने का आग्रह किया. गौरतलब है कि हेमताबाद सीट से विधायक देबेंद्र नाथ रे को सोमवार को उत्तर दिनाजपुर जिले में उनके आवास के पास एक बाजार में लटका हुआ पाया गया था. उनके परिवार और पार्टी के कुछ अन्य नेताओं ने इसे 'तृणमूल कांग्रेस के गुंडों द्वारा' की गई जघन्‍य हत्‍या करार दिया था.

विजयवर्गीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे थे और उन्होंने गृह मंत्री से विधायक रे की मौत की जांच के आदेश देने का आग्रह किया है. केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात के बाद विजयवर्गीय ने संवाददाताओं से कहा, "मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाल में बीजेपी के एक प्रमुख पार्टी के रूप में उभरकर आने से असहज हैं. यह मामला राज्‍य में पुलिस का अपराधीकरण और सरकारी मशीनरी का पूर्ण रूप से ध्‍वस्‍त होना दर्शाता है.'का पूर्ण रूप से टूटना है."

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कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि शाह ने रे की मौत पर पश्चिम बंगाल पुलिस से रिपोर्ट मांगी है. केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे. बंगाल से सांसद सुप्रियो ने आरोप लगाया कि रे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट "मनगढंत (Fabricated)" है और पुलिस और राज्य के गृह सचिव इस मामले में अलग-अलग बयान दे रहे हैं.  दार्जिलिंग के सांसद राजू बिस्टा और राज्यसभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे. प्रतिनिधिमंडल ने पहले राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की और सीबीआई जांच और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार को बर्खास्त करने की मांग की.