बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी पटना में जल जमाव के बाद दो तरफ़ा समस्या का सामना कर रहे हैं. एक हर चीज़ के लिए लालू-रबड़ी राज को कोसने वाले सुशील मोदी इस बार किसी और के ऊपर ठीकरा नहीं फोड़ सकते क्योंकि नगर विकास विभाग न केवल भाजपा के पास है बल्कि इस विभाग को अपने संरक्षण में ही सुशील मोदी चलाते हैं. ऐसे में जहां हर व्यक्ति उन्हें भी और लोगों के साथ-साथ ज़िम्मेदार मान रहा है, वहीं अपनी ही पार्टी में ख़ासकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने उनका नाम लेकर जैसे आलोचना की है, उसके बाद उन्हें सत्तारूढ़ गठबंधन को बचाने के लिए दिन रात मशक़्क़त करनी पड़ रही है.
रविवार को पटना के राजेन्द्र नगर इलाक़े में जल जमाव से प्रभावित लोगों ने मुआवज़े की मांग कर प्रदर्शन किया और उसी राजेन्द्र नगर में सुशील मोदी के घर के बाहर भी लोगों ने नारेबाज़ी की. सुशील मोदी के राजनीतिक करियर में यह पहला अवसर था जब उनके घर के बाहर उनके राजनीतिक विरोधी नहीं बल्कि आम लोग अपनी नाराज़गी का प्रदर्शन कर रहे थे, इसलिए रविवार को ट्वीट कर सुशील मोदी ने लोगों को भरोसा दिलाया कि चुनौती को अवसर में बदलेंगे. समस्याओं का समाधान भी हम ही लोग करेंगे. काम करने वालों से ही लोग अपेक्षा करते हैं. कठिन दौर से बिहार को निकाला है. इस दौर से भी पटना को निकालेंगे.'
सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस जल जमाव के मुद्दे पर एक बैठक बुलायी है जिसमें सभी संबंधित विभागों, कई विभागों के मंत्री और अधिकारी मौजूद रहेंगे और माना जा रहा है कि इस बैठक में कुछ बड़े फ़ैसले लिए जा सकते हैं. साथ ही साथ किन लोगों की खामियों के कारण ये जल जमाव हुआ वैसे अधिकारी और एजेंसी को चिन्हित कर उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई भी शुरू की जा सकती है.
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