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This Article is From Feb 08, 2014

जनलोकपाल बिल पर 'आप' सरकार ने हमसे राय नहीं ली थी : वरिष्ठ वकील

जनलोकपाल बिल पर 'आप' सरकार ने हमसे राय नहीं ली थी : वरिष्ठ वकील
अरविंद केजरीवाल की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली:

दिल्ली में जनलोकपाल बिल का मुद्दा लगातार गरमाता जा रहा है। शनिवार को इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है। शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मीडिया को एक खत दिया था, जिसमें लिखा गया था कि जस्टिस मुकुल मुद्गल, पीवी कपूर, केएन भट्ट और पिनाकी मिश्रा की राय लेने के बाद ही उन्होंने जनलोकपाल बिल को विधानसभा में पेश करने की तैयारी की थी।

केजरीवाल ने दलील दी थी कि इनसे राय के बाद ही जनलोकपाल बिल का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। इन चार नामों में से दो - वरिष्ठ वकील केएन भट्ट और पिनाकी मिश्रा ने कहा है कि उन्होंने न तो बिल देखा है और न ही इस तरह की कोई राय दी है।

इससे केजरीवाल के उन दावों पर सवाल उठ रहे हैं, जिनमें यह कहा गया था कि उन्होंने कानून के जानकारों की राय के बाद ही जनलोकपाल बिल विधानसभा में पेश करने की तैयारी की थी। दिल्ली के उपराज्यपाल के पूछे जाने पर भारत के सॉलिसिटर जनरल ने कहा था कि जनलोकपाल बिल को बिना गृह मंत्रालय की मंजूरी के पास नहीं किया जा सकता है और बताया था कि यह तरीका असंवैधानिक होगा।

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