आईएनएस विराट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दुनिया के सबसे पुराने सक्रिय विमान वाहक आईएनएस विराट को अगले साल सेवा से हटाए जाने के बाद संग्रहालय में तब्दील किए जाने की संभावना है।
रक्षा सचिव शीघ्र देश में समुद्र के किनारे बसे सभी राज्यों को पत्र लिखेंगे और जहाज को संग्रहालय में तब्दील करने के प्रस्ताव पर उनकी प्रतिक्रिया मांगेंगे। आईएनएस विराट ने सेवा के 50 साल से अधिक वर्ष पूरे कर लिए हैं।
विशाखापट्नम में काकीनाडा पोर्ट के 'फ्लोटिंग म्यूजियम' 'आईएनएस विराट' को रखने के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अपना प्रस्ताव रखा चुके हैं।
नौसेना सेना की मानें तो आईएनएस विराट दरअसल, 'आईएएस विक्रांत' से ज्यादा भाग्यशाली साबित होगा। 'आईएनएस विक्रांत' की सेवा 1997 तक ली गई थी, उसके बाद जब इसकी देखभाल की स्थिति नहीं रही तो इसे स्क्रैप यार्ड भेजना पड़ा।
नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'आईएनएस विक्रांत' को राज्य से 18 वर्षों तक किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिली और यही वजह रही कि यह बेकार हो गया। जो 'आईएनएस विक्रांत' के साथ हुआ हम वैसा हाल 'आईएनएस विराट' के साथ होता नहीं देख सकते।
भारत लाए जाने से पहले इस जहाज ने पहले 30 साल तक ब्रिटिश नौसेना की सेवा की थी। उसे व्यापक कायाकल्प के बाद 1987 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
विराट ने फॉकलैंड युद्ध में हिस्सा लिया था और एक दशक से अधिक समय तक भारत का एकमात्र विमान वाहक रहा। यह सेवा से हटाए जाने से पहले फरवरी 2016 में विशाखापत्तनम में इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू में हिस्सा लेगा।
(इनपुट्स भाषा से भी)
रक्षा सचिव शीघ्र देश में समुद्र के किनारे बसे सभी राज्यों को पत्र लिखेंगे और जहाज को संग्रहालय में तब्दील करने के प्रस्ताव पर उनकी प्रतिक्रिया मांगेंगे। आईएनएस विराट ने सेवा के 50 साल से अधिक वर्ष पूरे कर लिए हैं।
विशाखापट्नम में काकीनाडा पोर्ट के 'फ्लोटिंग म्यूजियम' 'आईएनएस विराट' को रखने के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अपना प्रस्ताव रखा चुके हैं।
नौसेना सेना की मानें तो आईएनएस विराट दरअसल, 'आईएएस विक्रांत' से ज्यादा भाग्यशाली साबित होगा। 'आईएनएस विक्रांत' की सेवा 1997 तक ली गई थी, उसके बाद जब इसकी देखभाल की स्थिति नहीं रही तो इसे स्क्रैप यार्ड भेजना पड़ा।
नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'आईएनएस विक्रांत' को राज्य से 18 वर्षों तक किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिली और यही वजह रही कि यह बेकार हो गया। जो 'आईएनएस विक्रांत' के साथ हुआ हम वैसा हाल 'आईएनएस विराट' के साथ होता नहीं देख सकते।
भारत लाए जाने से पहले इस जहाज ने पहले 30 साल तक ब्रिटिश नौसेना की सेवा की थी। उसे व्यापक कायाकल्प के बाद 1987 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
विराट ने फॉकलैंड युद्ध में हिस्सा लिया था और एक दशक से अधिक समय तक भारत का एकमात्र विमान वाहक रहा। यह सेवा से हटाए जाने से पहले फरवरी 2016 में विशाखापत्तनम में इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू में हिस्सा लेगा।
(इनपुट्स भाषा से भी)
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