श्रीनगर:
केन्द्र ने अफजल गुरु के परिवार को तिहाड़ जेल में अफजल की कब्र पर फातेहा पढ़ने की इजाजत दे दी है। इसके साथ ही अफजल का सामान परिवार को देने की बात भी कही गई है।
इससे पूर्व अफजल गुरु के परिवार ने आज कहा था कि उनकी मांग केवल इतनी है कि केंद्र सरकार अफजल के शव को उन्हें लौटा दे ताकि वे रीति रिवाज के साथ उसे सुपुर्दे खाक कर सकें।
अफजल के रिश्ते के भाई मोहम्मद यासीन ने सोपोर से फोन पर कहा, हमारी और कोई मांग नहीं है। हम केवल इतना चाहते हैं कि अफजल के शव को हमें लौटा दिया जाए। यासीन ने कहा कि परिवार ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों और बारामूला के उपायुक्त को पत्र लिखकर शव लौटाने की मांग की है।
उसने कहा, जैसे ही हमें फांसी दिए जाने का पता चला, हमने बारामूला के उपायुक्त और तिहाड़ जेल के अधिकारियों को शव लौटाने के लिए पत्र लिखा। यासीन के मुताबिक, उन्हें इस मामले में संबंधित अधिकारियों के जवाब का इंतजार है।
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बयान दिया था कि सरकार अफजल के परिवार को उसकी कब्र पर फातिहा पढ़ने की इजाजत देने पर विचार कर सकती है। इस बारे में पूछे जाने पर यासीन ने कहा कि इसका कोई मतलब नहीं है।
उसने कहा, हम फातिहा कहां पढ़ेंगे? हम उसे यहां सुपुर्दे खाक करना चाहते हैं।
अफजल की कब्र पर जाने के लिए उसके परिवार को दिल्ली तक हवाई सेवा उपलब्ध कराने की पेशकश संबंधी खबरों पर यासीन ने कहा कि अगर ऐसे हालात आते हैं तो परिवार खुद चला जाएगा। उसने कहा, अगर ऐसी स्थिति आती है तो हम खुद दिल्ली चले जाएंगे। हमें सरकार की उदारता की जरूरत नहीं है। हम केवल चाहते हैं कि अफजल का शव हमें लौटाया जाए। उसने तिहाड़ के अधिकारियों की ओर से अफजल की फांसी संबंधी जानकारी वाला पत्र कल मिलने को भी ‘क्रूर मजाक’ करार दिया।
यासीन ने कहा, खत सोमवार को मिलना परिवार के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है, जो कभी नहीं भरेंगे। उसने आरोप लगाया कि देश के नेता अफजल की मौत पर राजनीति कर रहे हैं।
उसने कहा, अफजल को फांसी दी गई। सही या गलत, हम इसमें नहीं पड़ना चाहते, लेकिन नेताओं को इस पर राजनीति बंद कर देनी चाहिए।
इससे पूर्व अफजल गुरु के परिवार ने आज कहा था कि उनकी मांग केवल इतनी है कि केंद्र सरकार अफजल के शव को उन्हें लौटा दे ताकि वे रीति रिवाज के साथ उसे सुपुर्दे खाक कर सकें।
अफजल के रिश्ते के भाई मोहम्मद यासीन ने सोपोर से फोन पर कहा, हमारी और कोई मांग नहीं है। हम केवल इतना चाहते हैं कि अफजल के शव को हमें लौटा दिया जाए। यासीन ने कहा कि परिवार ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों और बारामूला के उपायुक्त को पत्र लिखकर शव लौटाने की मांग की है।
उसने कहा, जैसे ही हमें फांसी दिए जाने का पता चला, हमने बारामूला के उपायुक्त और तिहाड़ जेल के अधिकारियों को शव लौटाने के लिए पत्र लिखा। यासीन के मुताबिक, उन्हें इस मामले में संबंधित अधिकारियों के जवाब का इंतजार है।
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बयान दिया था कि सरकार अफजल के परिवार को उसकी कब्र पर फातिहा पढ़ने की इजाजत देने पर विचार कर सकती है। इस बारे में पूछे जाने पर यासीन ने कहा कि इसका कोई मतलब नहीं है।
उसने कहा, हम फातिहा कहां पढ़ेंगे? हम उसे यहां सुपुर्दे खाक करना चाहते हैं।
अफजल की कब्र पर जाने के लिए उसके परिवार को दिल्ली तक हवाई सेवा उपलब्ध कराने की पेशकश संबंधी खबरों पर यासीन ने कहा कि अगर ऐसे हालात आते हैं तो परिवार खुद चला जाएगा। उसने कहा, अगर ऐसी स्थिति आती है तो हम खुद दिल्ली चले जाएंगे। हमें सरकार की उदारता की जरूरत नहीं है। हम केवल चाहते हैं कि अफजल का शव हमें लौटाया जाए। उसने तिहाड़ के अधिकारियों की ओर से अफजल की फांसी संबंधी जानकारी वाला पत्र कल मिलने को भी ‘क्रूर मजाक’ करार दिया।
यासीन ने कहा, खत सोमवार को मिलना परिवार के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है, जो कभी नहीं भरेंगे। उसने आरोप लगाया कि देश के नेता अफजल की मौत पर राजनीति कर रहे हैं।
उसने कहा, अफजल को फांसी दी गई। सही या गलत, हम इसमें नहीं पड़ना चाहते, लेकिन नेताओं को इस पर राजनीति बंद कर देनी चाहिए।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं