कोरोना वैक्सीन की ज्यादा कीमत को लेकर हो रही आलोचना पर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) के बाद केंद्र सरकार ने भी अपनी सफाई पेश की है. केंद्र ने कहा कि वो आगे भी जितनी कोरोना वैक्सीन खरीदेगा, वो राज्यों को मुफ्त दी जाएगी. हालांकि बयान में राज्यों और निजी अस्पतालों द्वारा खरीदी जाने वाले टीके की ज्यादा कीमत के बारे में सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा गया है. इसमें स्पष्ट किया गया है कि केंद्र सरकार आगे भी जो वैक्सीन (COVID-19 vaccine) खरीदेगी, वो 150 रुपये प्रति खुराक की होगी. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि आगे भी यह वैक्सीन पूरी तरह से राज्यों को मुफ्त दी जाएगी.
एक मई से 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति कोरोना टीकाकरण केंद्र में जाकर टीका लगवा सकेगा. हालांकि कई राज्यों और विपक्षी दलों ने उनके लिए टीके की ज्यादा कीमत पर सवाल उठाए हैं. केंद्र सरकार अभी तक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से कोविशील्ड (Covishield) खरीद रही है. साथ ही भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सिन (Covaxin) भी ले रही है. केंद्र ने राज्यों और अन्य क्षेत्रों की मांग को स्वीकार करते हुए वैक्सीन खरीदने की इजाजत उन्हें दे दी है. वैक्सीन निर्माता अपनी 50 फीसदी खुराक राज्यों को और खुले बाजार में बेच सकते हैं.
#Unite2FightCorona
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) April 24, 2021
It is clarified that Govt of India's procurement price for both #COVID19 vaccines remains Rs 150 per dose.
GOI procured doses will continue to be provided TOTALLY FREE to States.@PMOIndia @drharshvardhan @AshwiniKChoubey @DDNewslive @PIB_India @mygovindia https://t.co/W6SKPAnAXw
केंद्र सरकार हेल्थकेयर वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए मुफ्त टीकाकरण की सुविधा दे रहा है.सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को ऐलान किया था कि राज्य सरकारों के लिए कोविशील्ड वैक्सीन की एक खुराक की कीमत 400 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपये रखी जाएगी. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी.
ममता ने कहा, मैं यह मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ले जाऊंगी और उन्हें एक कड़ा पत्र लिखूंगी. केंद्र, राज्यों और निजी अस्पतालों के लिए अलग-अलग कीमत क्यों है?यह भेदभाव क्यों है? यह वक्त लोगों की मदद करने का है, न कि कारोबार को बढ़ाने का. तमिलनाडु में मुख्य विपक्षी दल डीएमके के प्रमुख एमके स्टालिन ने भी कहा था कि यह पूरे देश में टीकाकरण कार्यक्रम को झटका देने वाला कदम है.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने एक बयान में कहा कि कोविशील्ड अभी भी खुले बाजार में उपलब्ध दुनिया में सबसे किफायती कोविड वैक्सीन है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि सीरम की बेहद सीमित मात्रा में वैक्सीन की खुराक 600 रुपये में प्राइवेट हॉस्पिटल को दी जा रही है. यह अभी भी कोविड-19 और अन्य जानलेवा बीमारियों के इलाज में प्रयुक्त दवाओं और अन्य जरूरी सामानों के मुकाबले बेहद सस्ती है.
सीरम ने कहा कि टीके की प्रारंभिक कीमत बेहद कम रखी गई थी क्योंकि यह वैक्सीन उत्पादन के लिए कई देशों द्वारा दी गई एडवांस फंडिंग के आधार पर तय की गई थी. सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला( CEO Adar Poonawalla) ने कोविशील्ड वैक्सीन की अंतरराष्ट्रीय कीमत और भारत में इसके दामों में तुलना को भी गलत ठहराया.
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