देश में एक मई से शुरू हो रहे कोरोना टीकाकरण (Corona Vaccination) के तीसरे फेज के लिए सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया (Serum Institute of India) ने मंगलवार को कोविशील्ड की कीमत की घोषणा कर दी है. सीरम इंस्टिट्यूट ने ऐलान किया है कि राज्यों को तीसरे चरण के लिए कोविशील्ड की डोज़ 400 रुपये में मुहैया कराई जाएगी जबकि निजी अस्पतालों को ये डोज़ 600 रुपये में मुहैया कराई जाएगी. सीरम इंस्टिट्यूट ने तय किया है कि वो आपने कुल प्रोडक्शन का 50% हिस्सा राज्यों को प्रति डोज़ 400 रुपये की दर पर और निजी अस्पतालों को कोविशील्ड की प्रति डोज़ 600 रुपये की दर पर मुहैया कराएगा. सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया के सीईओ आदर पूनावाला ने फैसले के ऐलान के बाद कहा - "हम अपनी वैक्सीन की प्रोडक्शन क्षमता तत्काल प्रभाव से बढ़ा रहे हैं और अब से जुलाई तक 15% से 20% तक बढ़ाएंगे."
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में ट्वीट कर कहा, "छत्तीसगढ़ में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन का भुगतान राज्य सरकार करेगी. अपने नागरिकों की जीवन रक्षा के लिए हम हर संभव कदम उठाएंगे. केंद्र सरकार से अनुरोध है कि वह पर्याप्त संख्या में वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करे."
19 अप्रैल को भारत सरकार ने तय किया था कि वैक्सीन निर्माता हर महीने अपने प्रोडक्शन का 50% डोज़ भारत सरकार को सप्लाई करेंगे. बांकी का 50% हिस्सा उन्हें राज्यों और ओपन मार्केट में सप्लाई करने की छूट होगी.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम सम्बोधन में मंगलवार को कहा, "अब भारत में जो वैक्सीन बनेगी, उसका आधा हिस्सा सीधे राज्यों और अस्पतालों को भी मिलेगा. इस बीच गरीबों, बुजुर्गों, निम्न वर्ग के लोग, निम्न मध्यम वर्ग के लोग और 45 वर्ष की आयु के ऊपर के व्यक्तियों के लिए केंद्र सरकार का जो वैक्सीनेशन कार्यक्रम चल रहा है, वो भी उतनी ही तेजी से जारी रहेगा. पहले की तरह ही सरकारी अस्पतालों में मुफ्त वैक्सीन मिलती रहेगी."
कांग्रेस ने भारत सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए मांग की है कि वैक्सीन को लेकर एक देश एक दाम होना चाहिए. कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा, "केंद्र सरकार राज्यों के लिए वैक्सीन की क़ीमत बढ़ा कर सरकार राज्यों पर वित्तीय बोझ डाल रही है. राज्य कहां से पैसे लाएंगे. एक तारीख़ के बाद वैक्सीन को लेकर अराजकता का माहौल बन जाएगा."
जबकि भारत सरकार ने इस आरोप पर स्पष्टीकरण में कहा है - अब तक राज्यों ने जो 13 करोड़ टीके लगाए हैं वो केंद्र सरकार ने राज्यों को मुफ्त में दिया है. और एक मई के बाद भी केंद्र सरकार अपने 50% कोटे से राज्यों को सारी वैक्सीन मुफ्त में देगी.
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