
राहुल गांधी की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा मानसरोवर यात्रा पर जाने की खबरों के बीच गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्हें अभी तक राहुल गांधी की तरफ से कोई आवेदन नहीं मिला है. खास बात यह है कि कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया था कि विदेश मंत्रालय जानबूझकर राहुल गांधी के मानसरोवर यात्रा पर रोड़े खड़े कर रहा है. इन आरोपों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हमारी ऐसी कोई इच्छा नहीं है कि किसी के मानसरोवर यात्रा के मार्ग में अवरोध डाला जाए. अभी हमें राहुल गांधी का कोई औपचारिक आग्रह नहीं प्राप्त हुआ है.
यह भी पढ़ें: रॉबर्ट वाड्रा पर बीजेपी का वार, टैक्स चोरी करने का आरोप
उन्होंने कहा कि मानसरोवर की यात्रा दो तरीके से हो सकती है. इसमें पहला विदेश मंत्रालय आयोजित करता है. इसके लिए पंजीकरण कराना होता है. उन्होंने बताया कि एक लॉटरी प्रणाली होती है और पारदर्शी ढंग से नाम चुना जाता है. कुमार ने कहा कि उनकी ओर से ऐसा कोई पंजीकरण नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि इस यात्रा के लिए दूसरा तरीका निजी आपरेटर के माध्यम से यात्रा पर जाने का है. यह नेपाल के रास्ते होता है और इसके लिये चीन से वीजा की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि अभी हमारे पर राहुल गांधी ओर से कोई संवाद नहीं आया है, हमारे पास कोई संवाद आयेगा तब निश्चित रूप से विचार करेंगे.
यह भी पढ़ें: 30 हजार का पिज्जा खाने वालों को 12,000 की नौकरी नहीं दिखाई देती : गिरिराज सिंह
ध्यान हो कि कुछ महीने पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि वह इस बार मानसरोवर यात्रा पर जाएंगे. कर्नाटक चुनाव के दौरान गांधी ने कहा था कि वह कर्नाटक चुनाव के बाद कैलाश मानसरोवार यात्रा पर जाएंगे. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद वह 10-15 दिनों के लिए कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाएंगे.पार्टी की 'जन आक्रोश' रैली में राहुल ने हाल ही में अपने विमान में आई तकनीकी गड़बड़ी की घटना का उल्लेख किया और कहा कि चुनाव पूरा होने के बाद वह इस धार्मिक यात्रा पर जाएंगे.
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए 12 मई को मतदान है. राहुल ने कहा था कि 'कुछ दिन पहले हम कर्नाटक जा रहे थे. हवाई जहाज तेजी से नीचे गिरा. आठ हजार फुट नीचे गिरा. मैंने सोचा, चलो, गाड़ी गई. फिर मेरे दिमाग में आया कि कैलाश मानसरोवर जाना है.' राहुल गांधी के मुताबिक, उस वक्त उन्हें लगा था कि उनका खेल खत्म हो रहा है.(इनपुट भाषा से)
यह भी पढ़ें: रॉबर्ट वाड्रा पर बीजेपी का वार, टैक्स चोरी करने का आरोप
उन्होंने कहा कि मानसरोवर की यात्रा दो तरीके से हो सकती है. इसमें पहला विदेश मंत्रालय आयोजित करता है. इसके लिए पंजीकरण कराना होता है. उन्होंने बताया कि एक लॉटरी प्रणाली होती है और पारदर्शी ढंग से नाम चुना जाता है. कुमार ने कहा कि उनकी ओर से ऐसा कोई पंजीकरण नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि इस यात्रा के लिए दूसरा तरीका निजी आपरेटर के माध्यम से यात्रा पर जाने का है. यह नेपाल के रास्ते होता है और इसके लिये चीन से वीजा की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि अभी हमारे पर राहुल गांधी ओर से कोई संवाद नहीं आया है, हमारे पास कोई संवाद आयेगा तब निश्चित रूप से विचार करेंगे.
यह भी पढ़ें: 30 हजार का पिज्जा खाने वालों को 12,000 की नौकरी नहीं दिखाई देती : गिरिराज सिंह
ध्यान हो कि कुछ महीने पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि वह इस बार मानसरोवर यात्रा पर जाएंगे. कर्नाटक चुनाव के दौरान गांधी ने कहा था कि वह कर्नाटक चुनाव के बाद कैलाश मानसरोवार यात्रा पर जाएंगे. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद वह 10-15 दिनों के लिए कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाएंगे.पार्टी की 'जन आक्रोश' रैली में राहुल ने हाल ही में अपने विमान में आई तकनीकी गड़बड़ी की घटना का उल्लेख किया और कहा कि चुनाव पूरा होने के बाद वह इस धार्मिक यात्रा पर जाएंगे.
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए 12 मई को मतदान है. राहुल ने कहा था कि 'कुछ दिन पहले हम कर्नाटक जा रहे थे. हवाई जहाज तेजी से नीचे गिरा. आठ हजार फुट नीचे गिरा. मैंने सोचा, चलो, गाड़ी गई. फिर मेरे दिमाग में आया कि कैलाश मानसरोवर जाना है.' राहुल गांधी के मुताबिक, उस वक्त उन्हें लगा था कि उनका खेल खत्म हो रहा है.(इनपुट भाषा से)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं