इंदौर:
व्यापमं घोटाले में सुप्रीम कोर्ट दखल के बाद अब सीबीआई इसकी कड़ियों को जोड़ने में लगी है, उम्मीद की जा रही है कि इस बारे में जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा। वैसे इससे जुड़ी मौतों का सिलसिला काफी पहले से शुरू हो गया था, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार इस बारे में बिल्कुल बेसुध रही।
यहां तक की तीन साल पहले एक लड़की ने खुदकुशी की या उसकी हत्या की गई, इसको लेकर पुलिस अब तक कोई राय नहीं बना पाई है। नम्रता की कहानी रोंगटे खड़ी करती है।
इंदौर से क़रीब 20 किलोमीटर दूर कैठिया के पुलिस स्टेशन में दर्ज है वो एफआईआर जो व्यापमं घोटाले का सबसे दर्दनाक पहलू सामने लाती है। इस थाने में हमें बताया गया कि 'इस मामले की अब तक की जांच में कुछ साफ़ नहीं है। फाइल डीआईजी साहब के पास गई है, हमें कुछ नहीं मालूम।'
दरअसल, साल 2012 में नम्रता की लाश रेलवे ट्रैक पर मिली। इसके बाद की जांच उलझी हुई है। नम्रता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताती है कि उसकी मौत गला दबाने से हुई। उसकी डीएनए रिपोर्ट में उसके कपड़ों पर सीमन सैंपल भी मिले, लेकिन ये सैंपल उसके साथ सफ़र करने वालों के नहीं निकले। तीन महीने बाद पुलिस ने उसका फोन शारदा नाम की एक लड़की से बरामद किया। नम्रता के परिवारवालों का कहना है कि दोनों एक-दूसरे को जानते थे, लेकिन पुलिसवाले कहते हैं, वे आपस में अनजान थीं।
इंदौर के एसपी ने कहा, हमारी जांच में जो कुछ सामने आया उसके आधार पर जांच आगे बढ़ रही है।
जांच में ये बात भी समने आई कि नम्रता का दाखिला मेडिकल कॉलेज में जगदीश सागर ने करवाया था, जो अब गिरफ़्तार है। दोनों व्यापमं के घोटाले में साथ थे, लेकिन शायद दोनों के बीच किसी मुद्दे पर झगड़ा हो गया।
मामला राजनीतिक रंग ले चुका है। पुलिस मामला बंद करना चाहती है. लेकिन अगर नम्रता की मौत के राज़ अनसुलझे रह गए तो व्यापमं की कई गुत्थियां भी सुलझ नहीं पाएंगी।
व्यापमं घोटाले में सबसे ज्यादा खौफनाक कहानी नम्रता की है। अगर इस मामले की ठीक से जांच हो तो कई बड़े रसूख़ वाले लोगों के ऊपर से पर्दा उठा सकता है।
यहां तक की तीन साल पहले एक लड़की ने खुदकुशी की या उसकी हत्या की गई, इसको लेकर पुलिस अब तक कोई राय नहीं बना पाई है। नम्रता की कहानी रोंगटे खड़ी करती है।
इंदौर से क़रीब 20 किलोमीटर दूर कैठिया के पुलिस स्टेशन में दर्ज है वो एफआईआर जो व्यापमं घोटाले का सबसे दर्दनाक पहलू सामने लाती है। इस थाने में हमें बताया गया कि 'इस मामले की अब तक की जांच में कुछ साफ़ नहीं है। फाइल डीआईजी साहब के पास गई है, हमें कुछ नहीं मालूम।'
दरअसल, साल 2012 में नम्रता की लाश रेलवे ट्रैक पर मिली। इसके बाद की जांच उलझी हुई है। नम्रता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताती है कि उसकी मौत गला दबाने से हुई। उसकी डीएनए रिपोर्ट में उसके कपड़ों पर सीमन सैंपल भी मिले, लेकिन ये सैंपल उसके साथ सफ़र करने वालों के नहीं निकले। तीन महीने बाद पुलिस ने उसका फोन शारदा नाम की एक लड़की से बरामद किया। नम्रता के परिवारवालों का कहना है कि दोनों एक-दूसरे को जानते थे, लेकिन पुलिसवाले कहते हैं, वे आपस में अनजान थीं।
इंदौर के एसपी ने कहा, हमारी जांच में जो कुछ सामने आया उसके आधार पर जांच आगे बढ़ रही है।
जांच में ये बात भी समने आई कि नम्रता का दाखिला मेडिकल कॉलेज में जगदीश सागर ने करवाया था, जो अब गिरफ़्तार है। दोनों व्यापमं के घोटाले में साथ थे, लेकिन शायद दोनों के बीच किसी मुद्दे पर झगड़ा हो गया।
मामला राजनीतिक रंग ले चुका है। पुलिस मामला बंद करना चाहती है. लेकिन अगर नम्रता की मौत के राज़ अनसुलझे रह गए तो व्यापमं की कई गुत्थियां भी सुलझ नहीं पाएंगी।
व्यापमं घोटाले में सबसे ज्यादा खौफनाक कहानी नम्रता की है। अगर इस मामले की ठीक से जांच हो तो कई बड़े रसूख़ वाले लोगों के ऊपर से पर्दा उठा सकता है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं