प्रतीकात्मक इमेज
नई दिल्ली:
एक विशेष अदालत ने दुबई की दो कंपनियों के एक निदेशक की अर्जी पर आज अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. निदेशक ने 3,600 करोड़ रुपए के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर करार से जुड़े धनशोधन के एक मामले में अपने खिलाफ जारी गैर-जमानती वॉरंट रद्द करने की मांग की है. विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने कहा कि आरोपी और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलीलें सुनने के बाद वह मेसर्स यूएचवाई सक्सेना और मेसर्स मैट्रिक्स होल्डिंग्स के निदेशक राजीव सक्सेना की अर्जी पर आदेश सुनाएंगे.
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ईडी ने आरोप लगाया था कि सक्सेना इस मामले की जांच में सहयोग नहीं कर रहे और छानबीन से भाग रहे हैं. ईडी की तरफ से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक एन के मट्टा ने कहा कि बार-बार सम्मन भेजे जाने के बाद भी सक्सेना जांच में शामिल नहीं हुए.
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वकील ने कहा, ‘‘जून 2016 से ही इस मामले में जांच चल रही है और सक्सेना को पता है कि जांच में उनकी जरूरत है, फिर भी वह जांच से भाग रहे हैं.’’ सक्सेना ने अपनी अर्जी में कहा था कि वह भगोड़ा नहीं है और ईडी को पूरा ब्योरा और सारे दस्तावेज दे चुके हैं.
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ईडी ने आरोप लगाया था कि सक्सेना इस मामले की जांच में सहयोग नहीं कर रहे और छानबीन से भाग रहे हैं. ईडी की तरफ से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक एन के मट्टा ने कहा कि बार-बार सम्मन भेजे जाने के बाद भी सक्सेना जांच में शामिल नहीं हुए.
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वकील ने कहा, ‘‘जून 2016 से ही इस मामले में जांच चल रही है और सक्सेना को पता है कि जांच में उनकी जरूरत है, फिर भी वह जांच से भाग रहे हैं.’’ सक्सेना ने अपनी अर्जी में कहा था कि वह भगोड़ा नहीं है और ईडी को पूरा ब्योरा और सारे दस्तावेज दे चुके हैं.
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