पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
अगस्ता डील में आरोपों से घिरे पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी को आज प्रवर्तन निदेशालय पहुंचे, जहां उनसे मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत पूछताछ हो रही है। इससे पहले सीबीआई ने एसपी त्यागी से तीन दिनों तक पूछताछ की थी।
बुधवार को सीबीआई ने इस मामले के एक और आरोपी गौतम खेतान से भी पूछताछ की थी। सीबीआई के मुताबिक़, खेतान ने इस बात को कबूल कर लिया है कि उसने ट्यूनीशिया में फ़र्ज़ी कंपनी खोली थी जिसका नाम IDS Tunasia था। इसी कंपनी के जरिये पैसों का हेर-फेर होता था।
सीबीआई और ईडी दोनों के पास इटली से आए कागजात हैं जिसमें इस सौदे में बिचौलिये का काम करने वाले ग्वीडो हैश्के ने किस शख्स को कितने पैसे दिए, उसका ब्योरा लिखा हुआ है। जांच एजेंसियों का कहना है कि वो इस लिस्ट को डीकोड करने में लगी हुई हैं। इस नोट में दो नाम खास हैं- AP नाम की एंट्री के आगे 3 लिखा हुआ है। और FAM या family लिखा हुआ है, जिसके आगे 30 यूरो लिखा हुआ है।
गौतम खेतान के दफ्तर से दस्तावेज जब्त
ईडी ने गौतम खेतान के दफ्तर से भी कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं। खेतान भी इस मामले में एक आरोपी है और उस से सीबीआई ने बुधवार को पूछताछ की। सीबीआई के मुताबिक खेतान ने जांच एजेंसी को बताया है कि 270 Brothers यानी त्यागी बदर्स को 2,70,000 यूरो। 55 परवीन का मतलब है एरोमेट्रिक्स का CEO परवीन बक्शी उसे 55,000 यूरो मिले। 420 GK यानी गौतम खेतान। कथित तौर पर खेतान ने माना है कि उसे करीब 4,20,000 यूरो मिले। सीबीआई की मानें तो खेतान ने इस बात को कबूल कर लिया है कि उसने ट्यूनीशिया में फर्जी कंपनी खोली थी। उस कंपनी का नाम आईडीएस ट्यूनीशिया था।
त्यागी भाइयों की कंपनियों की जांच
सीबीआई सिर्फ इस नोट में लिखे हुए नामों की ही जांच नहीं कर रही है। वो त्यागी भाइयों की उन सभी कंपनियों की भी जांच कर रही है, जिनका रिश्ता त्यागी भाइयों से है। सीबीआई के मुताबिक त्यागी भाइयों को 10 लाख यूरो घूस के तौर पर दिया गया। CBI की मानें तो चार ऐसी कंपनियां हैं, जिसके निदेशक त्यागी हैं। सीबीआई अब उनकी जांच कर रही है।
कंपनी का कोई अता-पता नहीं
NDTV जब इन कंपनियों के रजिस्टर्ड पते पर पहुंचा तो वहां कुछ नहीं मिला। माना जा रहा है कि ये कंपनियां सिर्फ कागजों में ही थीं। CBI का कहना है कि Anuras properties Pvt Ltd और Shavan enterprises Pvt Ltd इन दोनों कंपनियों का पता 2011 और 2012 में दर्ज हुआ। यहां दूसरी दुकानों में काम कर रहे लोगों ने बताया कि ये कंपनियां कभी चालू नहीं थीं। एक दुकानदार ने एनडीटीवी को बताया, "मैंने एसपी त्यागी को एक बार यहां देखा था। यहां ज्यादा काम नहीं होता है।" उधर सीबीआई का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो एसपी त्यागी से एक बार फिर पूछताछ की जाएगी।
बुधवार को सीबीआई ने इस मामले के एक और आरोपी गौतम खेतान से भी पूछताछ की थी। सीबीआई के मुताबिक़, खेतान ने इस बात को कबूल कर लिया है कि उसने ट्यूनीशिया में फ़र्ज़ी कंपनी खोली थी जिसका नाम IDS Tunasia था। इसी कंपनी के जरिये पैसों का हेर-फेर होता था।
सीबीआई और ईडी दोनों के पास इटली से आए कागजात हैं जिसमें इस सौदे में बिचौलिये का काम करने वाले ग्वीडो हैश्के ने किस शख्स को कितने पैसे दिए, उसका ब्योरा लिखा हुआ है। जांच एजेंसियों का कहना है कि वो इस लिस्ट को डीकोड करने में लगी हुई हैं। इस नोट में दो नाम खास हैं- AP नाम की एंट्री के आगे 3 लिखा हुआ है। और FAM या family लिखा हुआ है, जिसके आगे 30 यूरो लिखा हुआ है।
गौतम खेतान के दफ्तर से दस्तावेज जब्त
ईडी ने गौतम खेतान के दफ्तर से भी कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं। खेतान भी इस मामले में एक आरोपी है और उस से सीबीआई ने बुधवार को पूछताछ की। सीबीआई के मुताबिक खेतान ने जांच एजेंसी को बताया है कि 270 Brothers यानी त्यागी बदर्स को 2,70,000 यूरो। 55 परवीन का मतलब है एरोमेट्रिक्स का CEO परवीन बक्शी उसे 55,000 यूरो मिले। 420 GK यानी गौतम खेतान। कथित तौर पर खेतान ने माना है कि उसे करीब 4,20,000 यूरो मिले। सीबीआई की मानें तो खेतान ने इस बात को कबूल कर लिया है कि उसने ट्यूनीशिया में फर्जी कंपनी खोली थी। उस कंपनी का नाम आईडीएस ट्यूनीशिया था।
त्यागी भाइयों की कंपनियों की जांच
सीबीआई सिर्फ इस नोट में लिखे हुए नामों की ही जांच नहीं कर रही है। वो त्यागी भाइयों की उन सभी कंपनियों की भी जांच कर रही है, जिनका रिश्ता त्यागी भाइयों से है। सीबीआई के मुताबिक त्यागी भाइयों को 10 लाख यूरो घूस के तौर पर दिया गया। CBI की मानें तो चार ऐसी कंपनियां हैं, जिसके निदेशक त्यागी हैं। सीबीआई अब उनकी जांच कर रही है।
कंपनी का कोई अता-पता नहीं
NDTV जब इन कंपनियों के रजिस्टर्ड पते पर पहुंचा तो वहां कुछ नहीं मिला। माना जा रहा है कि ये कंपनियां सिर्फ कागजों में ही थीं। CBI का कहना है कि Anuras properties Pvt Ltd और Shavan enterprises Pvt Ltd इन दोनों कंपनियों का पता 2011 और 2012 में दर्ज हुआ। यहां दूसरी दुकानों में काम कर रहे लोगों ने बताया कि ये कंपनियां कभी चालू नहीं थीं। एक दुकानदार ने एनडीटीवी को बताया, "मैंने एसपी त्यागी को एक बार यहां देखा था। यहां ज्यादा काम नहीं होता है।" उधर सीबीआई का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो एसपी त्यागी से एक बार फिर पूछताछ की जाएगी।
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