
नई दिल्ली:
बीजेपी ने सरकार से पूछा है कि वह कौन 'परिवार' है, जिसे वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में 200 करोड़ रुपये बतौर रिश्वत देने की बात इटली की अदालत में दाखिल आरोप पत्र में कही गई है।
पार्टी ने हेलीकॉप्टर खरीद घोटाले की तहकीकात विशेष जांच दल (एसआईटी) से या उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कराने की मांग करते हुए भारत के एक 'परिवार' को रिश्वत दिए जाने के राज़ से पर्दा उठाने की मांग की।
बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने इस घोटाले के संदर्भ में पार्टी की ओर से सरकार के सामने छह सवाल रखते हुए उनका जवाब देने को कहा। इन सवालों में प्रमुख है, इटली की अदालत में दाखिल आरोप पत्र में दो जगह परिवार (द फैमिली) को तकरीबन 200 करोड़ रुपये का भुगतान करने का जिक्र किया गया है। देश जानना चाहता है कि यह परिवार कौन है? सवालों में यह भी है कि हेलीकॉप्टर सौदे को अंतिम रूप किसने दिया और उस पर हस्ताक्षर किसने किए, रिश्वत किसने प्राप्त की, हैश्के और एमार एमजीएफ में क्या संबंध है, आईडीएस इंडिया की इस घोटाले में क्या भूमिका है और क्या सरकार ने घोटाले के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए इटली सरकार को पत्र लिखा है।
बीजेपी के एक अन्य नेता वेंकैया नायडू ने हैदराबाद में कहा कि या तो उच्चतम न्यायालय की या फिर संसदीय समिति की निगरानी में विशेष जांच दल गठित करके पूरे मामले की जांच कराई जाए। उन्होंने कहा, कांग्रेस भेदभावपूर्ण तरीके से जांच का अंत करने के उद्देश्य से सीबीआई के दुरुपयोग के लिए 'कुख्यात' है, इसीलिए बीजेपी को सीबीआई जांच स्वीकार्य नहीं है। सीबीआई की कोई विश्वसनीयता नहीं है और सरकार के इरादे भी संदेहपूर्ण हैं।
नायडू ने संवाददाताओं से कहा, यह मुद्दा वर्ष 2011 में संसद में उठाया गया था और रक्षामंत्री को एक पत्र भी लिखा गया था। इसके बावजूद सरकार ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि जब इस मुद्दे पर इटली में मामला दर्ज हुआ और भारतीय बिचौलियों को भी रिश्वत दिए जाने के खुलासे होने लगे, तब सरकार ने सीबीआई जांच की बात की।
पार्टी ने हेलीकॉप्टर खरीद घोटाले की तहकीकात विशेष जांच दल (एसआईटी) से या उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कराने की मांग करते हुए भारत के एक 'परिवार' को रिश्वत दिए जाने के राज़ से पर्दा उठाने की मांग की।
बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने इस घोटाले के संदर्भ में पार्टी की ओर से सरकार के सामने छह सवाल रखते हुए उनका जवाब देने को कहा। इन सवालों में प्रमुख है, इटली की अदालत में दाखिल आरोप पत्र में दो जगह परिवार (द फैमिली) को तकरीबन 200 करोड़ रुपये का भुगतान करने का जिक्र किया गया है। देश जानना चाहता है कि यह परिवार कौन है? सवालों में यह भी है कि हेलीकॉप्टर सौदे को अंतिम रूप किसने दिया और उस पर हस्ताक्षर किसने किए, रिश्वत किसने प्राप्त की, हैश्के और एमार एमजीएफ में क्या संबंध है, आईडीएस इंडिया की इस घोटाले में क्या भूमिका है और क्या सरकार ने घोटाले के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए इटली सरकार को पत्र लिखा है।
बीजेपी के एक अन्य नेता वेंकैया नायडू ने हैदराबाद में कहा कि या तो उच्चतम न्यायालय की या फिर संसदीय समिति की निगरानी में विशेष जांच दल गठित करके पूरे मामले की जांच कराई जाए। उन्होंने कहा, कांग्रेस भेदभावपूर्ण तरीके से जांच का अंत करने के उद्देश्य से सीबीआई के दुरुपयोग के लिए 'कुख्यात' है, इसीलिए बीजेपी को सीबीआई जांच स्वीकार्य नहीं है। सीबीआई की कोई विश्वसनीयता नहीं है और सरकार के इरादे भी संदेहपूर्ण हैं।
नायडू ने संवाददाताओं से कहा, यह मुद्दा वर्ष 2011 में संसद में उठाया गया था और रक्षामंत्री को एक पत्र भी लिखा गया था। इसके बावजूद सरकार ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि जब इस मुद्दे पर इटली में मामला दर्ज हुआ और भारतीय बिचौलियों को भी रिश्वत दिए जाने के खुलासे होने लगे, तब सरकार ने सीबीआई जांच की बात की।
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