केजरीवाल सरकार और दिल्ली पुलिस के बीच उठापटक जारी, CM के करीबी पर एन्टी-करप्शन का शिकंजा

केजरीवाल सरकार और दिल्ली पुलिस के बीच उठापटक जारी, CM के करीबी पर एन्टी-करप्शन का शिकंजा

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और दिल्ली पुलिस के बीच शह और मात का खेल जारी है, और इसी कड़ी में दिल्ली के एन्टी करप्शन ब्यूरो के मुखिया एमके मीणा ने राज्य सरकार के कई अधिकारियों के खिलाफ दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की जमीन को लेकर हुई गड़बड़ी के मामले में मुकदमा दर्ज किया है। खास बात यह है कि एन्टी करप्शन ब्यूरो ने जिन अधिकारियों के खिलाफ इस फर्जीवाड़े को लेकर मुकदमा दर्ज किया है, उनमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी अधिकारी चेतन सांघी का नाम भी शामिल है।

एसीबी के मुताबिक आरटीआई कार्यकर्ता और बीजेपी नेता विवेक गर्ग ने एन्टी करप्शन ब्यूरो में इस मामले की शिकायत की थी। गर्ग ने आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार के अधीन आने वाली दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (डीएसआईडीसी) ने डीडीए के करीब 350 इंडस्ट्रियल प्लॉट गैर-वाजिब तरीके से बिना डीडीए की इजाजत के फ्री-होल्ड कर दिए, जबकि डीडीए ने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए डीएसआईडीसी को अपनी जमीन इस शर्त पर दी थी कि वह यह जमीन जरूरतमंद उद्यमियों को लीज होल्ड पर देगी।

आरोप है कि डीएसआईडीसी ने डीडीए को जानकारी दिए बिना सारे प्लॉट अपनी मर्जी से फ्री-होल्ड कर बांट दिए। गर्ग के मुताबिक वर्ष 2010 में जब इन जमीनों में गड़बड़झाला हुआ, तब वर्तमान विजिलेंस विभाग सचिव चेतन सांघी डीएसआईडीसी चेयरमैन थे।

उधर, एन्टी करप्शन ब्यूरो द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से तिलमिलाई केजरीवाल सरकार ने एफआईआर लिखे जाने के थोड़ी देर बाद ही अपने विजिलेंस विभाग को दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी के खिलाफ धारा 200 के तहत शिकायत दर्ज कराने का आदेश दिया। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही दिल्ली सरकार ने पुलिस कमिश्नर पर रोहिणी सेक्टर-13 की एक कोऑपरेटिव सोसायटी में गलत तरीके से फ्लैट खरीदने और अवैध निर्माण करने का आरोप लगाया था।

हालांकि पुलिस कमिश्नर ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि अगर यह मामला कोर्ट में आया तो नतीजा उनके ही पक्ष में आएगा। बीएस बस्सी के दावों के उलट केजरीवाल सरकार ने मंगलवार को रजिस्ट्रर ऑफ कोऑपरेटिव सोसायटी को आदेश दिया कि पुलिस कमिश्नर के फ्लैट में किए गए अवैध निर्माण को तत्काल तोड़ा जाए। साफ है कि सरकार और दिल्ली पुलिस अब एक-दूसरे के खिलाफ खुलकर सामने आ गई हैं, और दोनों के बीच इस कड़वाहट के आने वाले दिनों में बढ़ने की आशंका है।

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