विदेश राज्यमंत्री वी. के. सिंह
अमृतसर (पंजाब):
विदेश राज्यमंत्री वी. के. सिंह ने कहा कि इराक में आतंकवादी समूह आईएसआईएस द्वारा बंधक बनाए गए 40 भारतीयों का कोई भी रिकॉर्ड किसी दूतावास में नहीं है क्योंकि वे वहां ट्रैवल एजेंट के माध्यम से अवैध रूप से गए थे. आतंकवादी समूहों ने 40 में से 39 भारतीयों की हत्या कर दी थी जबकि उनमें से एक खुद को बांग्लादेशी बताकर बच गया था. सिंह सोमवार को कहा कि इराक से एक विशेष विमान से 38 भारतीयों का शव लेकर अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर पहुंचे. मारे गए लोगों में से एक के शव की अभी तक स्पष्ट रूप से पहचान नहीं हो पाई है.
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मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ विदेश मंत्रालय ने 2014 में एक अभियान की शुरुआत की थी, जिसमें हमने कहा था कि किसी को अवैध एजेंट के माध्यम से बाहर नहीं जाना चाहिए. किसी भी दूतावास में इन40 लोगों का रिकॉर्ड नहीं है. वे अवैध एजेंट के माध्यम से वहां गए थे. जब आप अवैध एजेंट के माध्यम से जाते हैं तो आप कहां जाते हैं इसका पता लगाना कठिन हो जाता है.’’
मंत्री ने कहा कि अगर सरकार के पास इन लोगों के बारे में कोई भी सूचना होती तो उन्हें बचाने का प्रयास किया जाता. उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारों को मिलकर सुनिश्चित करना चाहिए कि भोले भाले लोग अवैध ट्रैवल एजेंट का शिकार नहीं बनें.
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने हर राज्य से कहा है कि कानून- व्यवस्था की जिम्मेदारी उनकी है और उन्हें अपने राज्यों में अवैध एजेंटों को पकड़ना चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए... इस दिशा में राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर काम करना चाहिए. हम नहीं चाहते कि कोई अवैध रूप से विदेश जाए. हम चाहते हैं कि लोग वैध रूप से विदेश जाएं ताकि उनके रिकॉर्ड हमारे पास हों.’’
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उन्होंने विश्वास जताया कि पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार अवैध ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई करेगी. मारे गए लोगों के परिजन की तरफ से नौकरी की मांग किए जाने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने मारे गए लोगों के परिजन से कहा है कि नौकरी के योग्य लोगों का ब्यौरा सौंपें. पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि राज्य सरकार मारे गए लोगों के परिजन को पांच- पांच लाख रुपये प्रदान करेगी.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा हर परिवार में एक व्यक्ति को योग्यता के मुताबिक नौकरी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इराक में मारे गए लोगों के परिवार को 20 हजार रुपये प्रति माह दे रही थी. सिद्धू ने कहा कि अवैध ट्रैवल एजेंट के मुद्दे पर कैबिनेट चर्चा करेगी.
एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि इराक के मार्टेयर फाउंडेशन ने ताबूत को नहीं खोलने की सलाह दी थी. सिंह ने कहा, ‘‘ मार्टेयर फाउंडेशन ने कहा है कि जिस तरह के जहरीले पदार्थ (जहां से अवशेष निकाले गए) पाए गए और जिस तरीके से यह सब (शवों के लेपन) किया गया, जब आप इस ताबूत को खोलेंगे तो इससे काफी खतरा है और इसलिए उन्होंने कहा कि इसे नहीं खोलना बेहतर है.’’
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बहरहाल, सिद्धू ने कहा कि शवों को उनके घरों तक ले जाना प्रशासन की जिम्मेदारी है. सिद्धू ने कहा, ‘वे (परिवार के सदस्य) इसके साथ (शवों) जो चाहे कर सकते हैं. यह उनकी इच्छा है.’ परिवार के सदस्यों ने पहले दावा किया था कि प्रशासन ने उनसे कहा है कि वे ताबूतों को नहीं खोलें. यह पूछने पर कि उनकी हत्या कैसे हुई तो सिंह ने बताया, ‘जब परीक्षण किया गया (अवशेषों का) तो पता चला कि कुछ लोगों की गोली मारकर हत्या की गई थी जबकि कुछ मामलों में यह बताना कठिन है कि उनकी हत्या कैसे हुई थी.’ उन्होंने कहा कि यह भी पता लगाना मुश्किल है कि उनकी हत्या कब हुई थी. उन्होंने कहा, ‘लेकिन हमें बताया गया कि करीब एक वर्ष पहले उनकी हत्या की गई होगी.’
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मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ विदेश मंत्रालय ने 2014 में एक अभियान की शुरुआत की थी, जिसमें हमने कहा था कि किसी को अवैध एजेंट के माध्यम से बाहर नहीं जाना चाहिए. किसी भी दूतावास में इन40 लोगों का रिकॉर्ड नहीं है. वे अवैध एजेंट के माध्यम से वहां गए थे. जब आप अवैध एजेंट के माध्यम से जाते हैं तो आप कहां जाते हैं इसका पता लगाना कठिन हो जाता है.’’
मंत्री ने कहा कि अगर सरकार के पास इन लोगों के बारे में कोई भी सूचना होती तो उन्हें बचाने का प्रयास किया जाता. उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारों को मिलकर सुनिश्चित करना चाहिए कि भोले भाले लोग अवैध ट्रैवल एजेंट का शिकार नहीं बनें.
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने हर राज्य से कहा है कि कानून- व्यवस्था की जिम्मेदारी उनकी है और उन्हें अपने राज्यों में अवैध एजेंटों को पकड़ना चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए... इस दिशा में राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर काम करना चाहिए. हम नहीं चाहते कि कोई अवैध रूप से विदेश जाए. हम चाहते हैं कि लोग वैध रूप से विदेश जाएं ताकि उनके रिकॉर्ड हमारे पास हों.’’
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उन्होंने विश्वास जताया कि पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार अवैध ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई करेगी. मारे गए लोगों के परिजन की तरफ से नौकरी की मांग किए जाने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने मारे गए लोगों के परिजन से कहा है कि नौकरी के योग्य लोगों का ब्यौरा सौंपें. पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि राज्य सरकार मारे गए लोगों के परिजन को पांच- पांच लाख रुपये प्रदान करेगी.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा हर परिवार में एक व्यक्ति को योग्यता के मुताबिक नौकरी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इराक में मारे गए लोगों के परिवार को 20 हजार रुपये प्रति माह दे रही थी. सिद्धू ने कहा कि अवैध ट्रैवल एजेंट के मुद्दे पर कैबिनेट चर्चा करेगी.
एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि इराक के मार्टेयर फाउंडेशन ने ताबूत को नहीं खोलने की सलाह दी थी. सिंह ने कहा, ‘‘ मार्टेयर फाउंडेशन ने कहा है कि जिस तरह के जहरीले पदार्थ (जहां से अवशेष निकाले गए) पाए गए और जिस तरीके से यह सब (शवों के लेपन) किया गया, जब आप इस ताबूत को खोलेंगे तो इससे काफी खतरा है और इसलिए उन्होंने कहा कि इसे नहीं खोलना बेहतर है.’’
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बहरहाल, सिद्धू ने कहा कि शवों को उनके घरों तक ले जाना प्रशासन की जिम्मेदारी है. सिद्धू ने कहा, ‘वे (परिवार के सदस्य) इसके साथ (शवों) जो चाहे कर सकते हैं. यह उनकी इच्छा है.’ परिवार के सदस्यों ने पहले दावा किया था कि प्रशासन ने उनसे कहा है कि वे ताबूतों को नहीं खोलें. यह पूछने पर कि उनकी हत्या कैसे हुई तो सिंह ने बताया, ‘जब परीक्षण किया गया (अवशेषों का) तो पता चला कि कुछ लोगों की गोली मारकर हत्या की गई थी जबकि कुछ मामलों में यह बताना कठिन है कि उनकी हत्या कैसे हुई थी.’ उन्होंने कहा कि यह भी पता लगाना मुश्किल है कि उनकी हत्या कब हुई थी. उन्होंने कहा, ‘लेकिन हमें बताया गया कि करीब एक वर्ष पहले उनकी हत्या की गई होगी.’
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