उत्तर प्रदेश:
पूरे देश को झकझोर देने वाले दिल्ली सामूहिक बलात्कार कांड की पीड़ित लड़की की सिंगापुर में इलाज के दौरान मृत्यु की खबर से उत्तर प्रदेश के उसके पुश्तैनी गांव में शोक की लहर है और गमगीन लोगों के घरों में शनिवार को चूल्हे नहीं जले।
गांव में बलात्कार पीड़ित लड़की की मृत्यु की खबर के बाद मातम का माहौल है और घरों के चूल्हे ठंडे पड़े हैं।
करीब 13 दिन तक जिंदगी के लिये संघर्ष करने वाली उस लड़की के चाचा ने बताया कि उनकी भतीजी मुफलिसी में जी रहे अपने परिवार के लिए उम्मीद की किरण थी।
उन्होंने बताया कि बेहद गरीब परिवार में जन्मी उनकी भतीजी बहुत जहीन और संघर्षशील थी। उसकी योग्यता और लगन को देखते हुए उसके पिता रूप नारायण (काल्पनिक नाम) ने उसे ऊंची तालीम दिलाने के लिए अपना पुश्तैनी खेत भी बेच दिया था।
उन्हें पूरा यकीन था कि एक दिन उनकी बेटी परिवार को ना सिर्फ गरीबी से निकालेगी बल्कि उसे तरक्की की राह पर ले जाएगी, लेकिन वक्त के जालिम हाथों ने सभी उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया।
गांव के ग्राम प्रधान ने बताया कि गांव में आज शोकसभा करके ‘गांव की बेटी’ की दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। ग्रामीणों में दिल्ली बलात्कार कांड को लेकर खासी नाराजगी है और वे इसके गुनहगारों के लिए सख्त से सख्त सजा चाहते हैं।
सिंह ने कहा कि ग्रामवासियों की मांग है कि उनकी बेटी की अस्मत को तार-तार करके उसकी मौत का कारण बने लोगों को ऐसी कड़ी सजा हो, जो कुत्सित मानसिकता रखने वाले लोगों के दिलों को खौफ से भर दे और वे ऐसी वारदात अंजाम देने की सोच भी ना सकें।
हैवानियत की शिकार हुई लड़की के चाचा ने कहा कि उनके खानदान की बेटी के गुनहगारों को जब तक फांसी नहीं होती तब तक उनका परिवार न्याय के लिए संघर्ष करता रहेगा।
गौरतलब है कि गत 16 दिसम्बर को चलती बस में सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई 23 वर्षीय लड़की की आज तड़के भारतीय समयानुसार दो बजकर 15 मिनट पर सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मृत्यु हो गई।
सामूहिक बलात्कार की इस वारदात के विरोध में पूरा देश मानो उबल पड़ा और ऐसी घटनाओं के दोषी लोगों को मौत की सजा दिए जाने की चौतरफा मांगें की जा रही हैं।
गांव में बलात्कार पीड़ित लड़की की मृत्यु की खबर के बाद मातम का माहौल है और घरों के चूल्हे ठंडे पड़े हैं।
करीब 13 दिन तक जिंदगी के लिये संघर्ष करने वाली उस लड़की के चाचा ने बताया कि उनकी भतीजी मुफलिसी में जी रहे अपने परिवार के लिए उम्मीद की किरण थी।
उन्होंने बताया कि बेहद गरीब परिवार में जन्मी उनकी भतीजी बहुत जहीन और संघर्षशील थी। उसकी योग्यता और लगन को देखते हुए उसके पिता रूप नारायण (काल्पनिक नाम) ने उसे ऊंची तालीम दिलाने के लिए अपना पुश्तैनी खेत भी बेच दिया था।
उन्हें पूरा यकीन था कि एक दिन उनकी बेटी परिवार को ना सिर्फ गरीबी से निकालेगी बल्कि उसे तरक्की की राह पर ले जाएगी, लेकिन वक्त के जालिम हाथों ने सभी उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया।
गांव के ग्राम प्रधान ने बताया कि गांव में आज शोकसभा करके ‘गांव की बेटी’ की दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। ग्रामीणों में दिल्ली बलात्कार कांड को लेकर खासी नाराजगी है और वे इसके गुनहगारों के लिए सख्त से सख्त सजा चाहते हैं।
सिंह ने कहा कि ग्रामवासियों की मांग है कि उनकी बेटी की अस्मत को तार-तार करके उसकी मौत का कारण बने लोगों को ऐसी कड़ी सजा हो, जो कुत्सित मानसिकता रखने वाले लोगों के दिलों को खौफ से भर दे और वे ऐसी वारदात अंजाम देने की सोच भी ना सकें।
हैवानियत की शिकार हुई लड़की के चाचा ने कहा कि उनके खानदान की बेटी के गुनहगारों को जब तक फांसी नहीं होती तब तक उनका परिवार न्याय के लिए संघर्ष करता रहेगा।
गौरतलब है कि गत 16 दिसम्बर को चलती बस में सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई 23 वर्षीय लड़की की आज तड़के भारतीय समयानुसार दो बजकर 15 मिनट पर सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मृत्यु हो गई।
सामूहिक बलात्कार की इस वारदात के विरोध में पूरा देश मानो उबल पड़ा और ऐसी घटनाओं के दोषी लोगों को मौत की सजा दिए जाने की चौतरफा मांगें की जा रही हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
दिल्ली गैंगरेप, पीड़ित की मौत, बस में रेप, गांव में मातम, Death Of Gangraped, Delhi Gangrape, Rape In Bus