केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) को बताया है कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश ब्रिटेन की सर्वोच्च अदालत दे चुकी है, लेकिन इस पर अमल नहीं किया जा रहा है. ब्रिटेन में इस मामले में कुछ गोपनीय कार्यवाही चल रही है, जिसकी जानकारी भारत को भी नहीं दी गई है. सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को माल्या (Vijay mallya) के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई के दौरान यह खुलासा हुआ. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की अवमानना से जुड़े मामले में माल्या के वकील से पूछा, माल्या इस केस में कब पेश हो सकते हैं.लंदन में चल रही प्रत्यर्पण की कार्यवाही कहां तक पहुंची है. कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि अभी मामले में क्या-कुछ हो रहा है औऱ प्रत्यर्पण में क्या रुकावट है.
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इस पर विदेश मंत्रालय की ओर से कोर्ट को बताया गया कि ब्रिटेन के सर्वोच्च न्यायालय ने प्रत्यर्पण का आदेश दे दिया था, लेकिन इस पर अमल नहीं हो रहा है. कुछ "गुप्त" कार्यवाही हो रही है, जिसके बारे में भारत सरकार को भी अवगत नहीं कराया गया है। भारत सरकार को न तो कोई जानकारी दी गई है और न उसे पक्षकार बनाया गया है. सुप्रीम कोर्ट अब मामले में दो नवंबर को सुनवाई करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को पांच अक्तूबर को दोपहर दो बजे से पहले व्यक्तिगत रूप में उपस्थित होने का निर्देश दिया था. शीर्ष अदालत ने गृह मंत्रालय को माल्या की अक्तूबर में न्यायालय में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सुविधा देने का निर्देश दिया था.उच्चतम न्यायालय ने माल्या की अवमानना मामले में दोषी ठहराने के 2017 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए दायर याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश जारी किया था.
पीठ ने अवमानना के अपने आदेश में कहा था कि माल्या के खाते में 25 फरवरी 2016 को साढ़े सात करोड़ डॉलर के भुगतान के एक हिस्से के रूप में चार करोड़ डॉलर आए थे. उसने कुछ ही दिनों के भीतर 26 फरवरी और 29 फरवरी 2016 को इस रकम को दूसरी जगह हस्तांतरित कर दिया। कोर्ट के बार-बार आदेश दिए जाने के बावजूद माल्या ने अपनी संपत्ति का स्पष्ट खुलासा नहीं किया था. न ही चार करोड़ डॉलर खाते में आने और फिर इससे निकलने के बारे में कोई जानकारी दी थी. माल्या की दलील थी कि शीर्ष अदालत के निर्देशानुसार उसे 31 मार्च 2016 की स्थिति के अनुसार अपनी संपत्ति का खुलासा करना था और इस तरह से न्यायालय के किसी निर्देश का उल्लंघन नहीं किया गया था
विजय माल्या बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के लिए बैंकों से लिए 9 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज की अदायगी नहीं करने के मामले में आरोपी है. इस समय वह ब्रिटेन में रह रहा है, जिसके प्रत्यर्पण के लिए सरकार कोशिश कर रही है.
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