नवनिर्वाचित उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने तिरुमला में वेंकटेश्वर मंदिर में पूजन किया.
तिरुपति:
नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज यहां तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वर के प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर में पूजा-अर्चना की. बीती रात यहां अपने परिवार के सदस्यों के साथ पहुंचे नायडू भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पहाड़ पर स्थित तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) अतिथिगृह में ठहरे थे.
मंदिर पहुंचने पर उनका जबरदस्त स्वागत हुआ और टीटीडी कार्यकारी अधिकारी एके सिंघल एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उन्हें मंदिर के गर्भगृह ले जाया गया. सूत्रों ने बताया कि नायडू मंदिर में करीब 20 मिनट रहे. श्री रंगनायक मंडपम में पूजा करने के बाद मंदिर प्रबंधन ने नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति को एक पवित्र रेशमी वस्त्र एवं प्रसाद देकर सम्मानित किया.
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बाद में संवाददाताओं से बात करते हुए नायडू ने कहा, ‘‘भारत की जनता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्नेह और विशेषकर भगवान वेंकटेश्वर के आशीर्वाद से मैं उपराष्ट्रपति बना. भगवान वेंकटेश्वर हमारे इष्ट देवता हैं और 13 वर्ष की उम्र से मैं उनकी आराधना कर रहा हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगस्त में इस पद के लिए चुने जाने के बाद सदन की गरिमा एवं मर्यादा बनाए रखने के लिए मैं निश्चित रूप से पूरी तरह निष्पक्ष और संविधान के अनुरूप अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करूंगा.’’
VIDEO : नायडू 11 को लेंगे शपथ
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के उपराष्ट्रपति के तौर पर मैं अपने जीवन के एक नए अध्याय का आरंभ करने जा रहा हूं, जो पूरी तरह गैरराजनीतिक है.’’ नायडू ने कहा कि यह लोकतंत्र की खूबसूरती है कि एक किसान का पुत्र देश के शीर्ष पद पर पहुंचा है. बाद में उन्होंने यहां के श्री वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में आयोजित एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मंदिर पहुंचने पर उनका जबरदस्त स्वागत हुआ और टीटीडी कार्यकारी अधिकारी एके सिंघल एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उन्हें मंदिर के गर्भगृह ले जाया गया. सूत्रों ने बताया कि नायडू मंदिर में करीब 20 मिनट रहे. श्री रंगनायक मंडपम में पूजा करने के बाद मंदिर प्रबंधन ने नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति को एक पवित्र रेशमी वस्त्र एवं प्रसाद देकर सम्मानित किया.
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बाद में संवाददाताओं से बात करते हुए नायडू ने कहा, ‘‘भारत की जनता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्नेह और विशेषकर भगवान वेंकटेश्वर के आशीर्वाद से मैं उपराष्ट्रपति बना. भगवान वेंकटेश्वर हमारे इष्ट देवता हैं और 13 वर्ष की उम्र से मैं उनकी आराधना कर रहा हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगस्त में इस पद के लिए चुने जाने के बाद सदन की गरिमा एवं मर्यादा बनाए रखने के लिए मैं निश्चित रूप से पूरी तरह निष्पक्ष और संविधान के अनुरूप अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करूंगा.’’
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उन्होंने कहा, ‘‘भारत के उपराष्ट्रपति के तौर पर मैं अपने जीवन के एक नए अध्याय का आरंभ करने जा रहा हूं, जो पूरी तरह गैरराजनीतिक है.’’ नायडू ने कहा कि यह लोकतंत्र की खूबसूरती है कि एक किसान का पुत्र देश के शीर्ष पद पर पहुंचा है. बाद में उन्होंने यहां के श्री वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में आयोजित एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया.
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