लखनऊ:
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विश्व हिन्दू परिषद की चौरासी कोसी परिक्रमा यात्रा पर रोक लगाए जाने के बाद विहिप ने भी साफ कर दिया है कि वह अपने कार्यक्रम में बदलाव नहीं करेगी और तय समय पर ही देशभर के संत और धर्माचार्य 25 अगस्त से शुरू होने वाली इस यात्रा के लिए जुटेंगे।
इसके साथ ही विहिप ने सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। विहिप ने एक बयान जारी कर अपने फैसले की जानकारी दी। विहिप ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चौरासी कोसी परिक्रमा को अनुमति न दिए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रकाश शर्मा ने एक बयान जारी कर कहा, "चौरासी कोसी परिक्रमा का यह कार्यक्रम पूरी तरह से संतों द्वारा संचालित धार्मिक व परम्परागत है। इस परिक्रमा अनुष्ठान को वर्षभर में कभी भी किया जा सकता है। किसी विशेष समय में लोग इसको अधिक मात्रा में करते हैं जैसे - ब्रज क्षेत्र में गोवर्धन, चित्रकूट में कामदगिरि व दक्षिण भारत में तिरूवन्मलई की परिक्रमा यात्रा है।
बयान में कहा गया है कि सरकार के इसी भ्रम को दूर करने के लिए शनिवार को संत उच्चाधिकार समिति के संत मुलायम सिंह व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिले थे और उन्हें विस्तार से पूरी जानकारी दी थी। मुलाकात के दौरान अखिलेश और मुलायम का रूख चौरासी कोसी परिक्रमा को लेकर सकारात्मक रहा था।
बयान में कहा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि मुस्लिम नेताओं के दबाव व मुस्लिम वोटों के लालच में सरकार सही निर्णय नहीं ले पा रही है और वह लगातार हिन्दू समाज को अपमानित करने का प्रयत्न कर रही है।
शर्मा ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से यह भी सिद्घ होता है कि राज्य सरकार प्रदेश में कानून व्यवस्था संभालने में पूरी तरह से अक्षम है और इस सरकार में हिन्दू को अपनी धार्मिक परम्पराओं के निर्वहन करने का अधिकार नहीं प्राप्त है। परिक्रमा का यह कार्यक्रम यथावत है। सम्पूर्ण देश से संत अपने नियत समय पर यात्रा के लिए पहुंचेंगे।
इसके साथ ही विहिप ने सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। विहिप ने एक बयान जारी कर अपने फैसले की जानकारी दी। विहिप ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चौरासी कोसी परिक्रमा को अनुमति न दिए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रकाश शर्मा ने एक बयान जारी कर कहा, "चौरासी कोसी परिक्रमा का यह कार्यक्रम पूरी तरह से संतों द्वारा संचालित धार्मिक व परम्परागत है। इस परिक्रमा अनुष्ठान को वर्षभर में कभी भी किया जा सकता है। किसी विशेष समय में लोग इसको अधिक मात्रा में करते हैं जैसे - ब्रज क्षेत्र में गोवर्धन, चित्रकूट में कामदगिरि व दक्षिण भारत में तिरूवन्मलई की परिक्रमा यात्रा है।
बयान में कहा गया है कि सरकार के इसी भ्रम को दूर करने के लिए शनिवार को संत उच्चाधिकार समिति के संत मुलायम सिंह व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिले थे और उन्हें विस्तार से पूरी जानकारी दी थी। मुलाकात के दौरान अखिलेश और मुलायम का रूख चौरासी कोसी परिक्रमा को लेकर सकारात्मक रहा था।
बयान में कहा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि मुस्लिम नेताओं के दबाव व मुस्लिम वोटों के लालच में सरकार सही निर्णय नहीं ले पा रही है और वह लगातार हिन्दू समाज को अपमानित करने का प्रयत्न कर रही है।
शर्मा ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से यह भी सिद्घ होता है कि राज्य सरकार प्रदेश में कानून व्यवस्था संभालने में पूरी तरह से अक्षम है और इस सरकार में हिन्दू को अपनी धार्मिक परम्पराओं के निर्वहन करने का अधिकार नहीं प्राप्त है। परिक्रमा का यह कार्यक्रम यथावत है। सम्पूर्ण देश से संत अपने नियत समय पर यात्रा के लिए पहुंचेंगे।
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