फाइल फोटो
नई दिल्ली:
दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद की बैठक खत्म हो गई है. जिसमें फैसला लिया गया है कि केंद्र में काबिज मोदी सरकार पर अयोध्या में राम मंदिर के लिए कानून बनाने का दबाव डाला जाए. बैठक में हिस्सा ले रहे संतों ने मांग की है कि केंद्र सरकार जल्दी ही राम मंदिर के निर्माण के लिए अध्यादेश लाये और अगले संसद के सत्र में अध्यादेश पर क़ानून बनाये. उनका कहना है कि इसी सरकार के समय गोरक्षा का कानून बने, धारा 370 हटे, समान नागरिक संहिता का कानून बने और लेकिन अभी श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण प्राथमिकता है, अब कोई देरी में इसमें स्वीकार नहीं है. सूत्रों की हवाले से ख़बर है कि संतो की उच्चाधिकार समिति की बैठक में कई संतो ने राम मंदिर के निर्माण पर केंद्र सरकार के रूख पर नाराज़गी जताई और कहां कि अगर केंद्र सरकार अगर कोर्ट में लंबित होने के बाद SC/ST एक्ट को संसद से क़ानून बना सकती है साथ ही ट्रिपल तलाक़ बिल पर अध्यादेश ला सकती हैं तो राम मंदिर के निर्माण के लिए अध्यादेश क्यों नहीं ला सकती है.
वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि 31 जनवरी और 1 फरवरी को इलाहाबाद कुंभ में धर्म संसद होगी जिसमें 30 हजार संत शामिल होंगे. अध्यादेश न आने पर वहीं आगे की रणनीति तय करेंगे. उन्होंने कहा कि हमने कोर्ट के फैसले का इंतजार सितंबर तक किया है. लेकिन अब देर हो रही है. वहीं इशारों में राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि 'जनेऊधारी' भी हमारा समर्थन करें
दिल्ली में वीएचएपी की बैठक : अयोध्या में राम मंदिर के लिए फिर शुरू हो सकती है कारसेवा? 2019 से पहले मामला गरमाने की तैयारी
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि रामजन्मभूमि का फैसला 2019 से पहले न हो पाए, इसके लिए हिन्दू विरोधी शक्तियों द्वारा जबरदस्त साजिश हो रही है. वहीं स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि रामजन्म भूमि इस सरकार के विमर्श से बाहर है. बीजेपी पालमपुर प्रस्ताव को याद करे. उन्होंने कहा कि राममंदिर की प्रतीक्षा करते-करते कई महापुरुष स्वर्ग सिधार गए. संत अब प्रधानमंत्री जी को बीजेपी की ओर से किए गए वादों की याद दिलायें. कई संतो ने कहा कि 1989 ने अपनी पालमपुर की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पास किया था केंद्र में जब उनकी आयेगी तो राम मंदिर निर्माण क मार्ग प्रशस्त करेगी. संतो ने ये भी कहा पिछले बीस साल में दो बार केंद्र में बीजेपी नेतृत्व की सरकार बन चुकी हैं लेकिन अभी राम मंदिर का मामला अभी तक सुप्रीम कोर्ट में लंबित पड़ा हुआ है. संतो ने ये भी कहा कि केंद्र सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए क़ानून नहीं बनाती हैं वीएचपी की राम मंदिर निर्माण के संतो की उच्चाधिकार समिति के नेतृत्व में हिंदू समाज एक बार मंदिर के निर्माण के कारसेवा के ज़रिये बड़ा आंदोलन करेगा.
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वहीं खबर यह भी है कि संत नृत्यगोपाल की अध्यक्षता में संतों का एक प्रतिनिधिमंडल आज शाम 6 बजे राष्ट्रपति कोविंद से मिलेगा. प्रधानमंत्री मोदी से भी मिलने का भी समय मांगा है.
विपक्ष भी नहीं कर सकता राम मंदिर का विरोध!
वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि 31 जनवरी और 1 फरवरी को इलाहाबाद कुंभ में धर्म संसद होगी जिसमें 30 हजार संत शामिल होंगे. अध्यादेश न आने पर वहीं आगे की रणनीति तय करेंगे. उन्होंने कहा कि हमने कोर्ट के फैसले का इंतजार सितंबर तक किया है. लेकिन अब देर हो रही है. वहीं इशारों में राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि 'जनेऊधारी' भी हमारा समर्थन करें
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