दिल्ली में कारगिल पराक्रम परेड में बोलते वेंकैया नायडू
नई दिल्ली:
केंद्र में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की तरफ से उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार एम वेंकैया नायडू ने रविवार को पाकिस्तान को आतंकवादियों की मदद करने और आतंकवादी गतिविधियों के लिए उकसाने के खिलाफ चेताते हुए कहा कि उसे 1971 का भारत-पाक युद्ध याद रखना चाहिए जब उसे शर्मनाक शिकस्त मिली थी और बांग्लादेश का जन्म हुआ था. उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार वेंकैया नायडू ने पाकिस्तान को बाज आने की नसीहत देते हुए कहा है कि वो 1971 की जंग को न भूले. वेंकैया नायडू का ये बयान दिल्ली में हो रही कारगिल पराक्रम परेड के दौरान आया है जो कारगिल के शहीदों की याद में हर साल होती है.
गौरतलब है कि पाकिस्तान की ओर से बिना उकसावे की गोलीबारी में पिछले एक हफ़्ते में पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर 6 भारतीय जवान शहीद हुए हैं. शुक्रवार को जम्मू के सुंदरबनी सेक्टर में जयद्रथ सिंह पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हो गए थे.
नायडू ने पाकिस्तान पर यह आरोप भी लगाया कि वह अपनी ‘सरकार की नीति’ के उपकरण के तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल करता है. दिल्ली में आयोजित ‘कारगिल पराक्रम परेड’ में नायडू ने कहा, ‘‘पाकिस्तान धर्म के साथ आतंकवाद को मिला रहा है. दुर्भाग्यवश आतंकवाद उनकी सरकार की नीति बन गया है. आतंकवाद इंसानियत का दुश्मन है और उसका कोई धर्म नहीं होता.’’ उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इसका एक भी ‘इंच’ पड़ोसी देश को नहीं दिया जाएगा. नायडू ने यह सख्त चेतावनी ऐसे समय में दी है जब अमेरिकी विदेश विभाग ने पाकिस्तान को उन देशों में शुमार किया है जो ‘आतंकवादियों को सुरक्षित ठिकाना’ मुहैया कराते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पड़ोसी को समझना चाहिए कि आतंकवाद की मदद और इसके लिए उकसाने से उनका कोई फायदा नहीं होने वाला. उन्हें 1971 का अनुभव है, उन्हें वह अनुभव याद रखना चाहिए और अपने लोगों के लिए शांति एवं समृद्धि लाने पर जोर देना चाहिए.’’ नायडू ने यह भी कहा कि कारगिल जैसा दु:स्साहस करने वाला पाकिस्तान अब कश्मीर में अशांति पैदा करने के लिए कूटनीतिक दु:स्साहस कर रहा है.
26 जुलाई को होने वाले कारगिल विजय दिवस से पहले उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसा वक्त है जब सभी दु:स्साहस करने वालों को समझ लेना चाहिए कि ‘दागने और भागने’ जैसे तौर-तरीकों से भारत की विकास गाथा को रास्ते से नहीं भटकाया जा सकता. हम परेशान होकर अपना ध्यान भटकाने वाले नहीं हैं.’’ 26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल में अपनी उन सभी चौकियों पर फिर से कब्जा हासिल कर लिया था, जिसे पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों ने अपने कब्जे में ले लिया था.
वीडियो: 16 दिसंबर के दिन 1971 में पाक सेना ने भारतीय फौज के सामने सरेंडर किया था
गौरतलब है कि पाकिस्तान की ओर से बिना उकसावे की गोलीबारी में पिछले एक हफ़्ते में पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर 6 भारतीय जवान शहीद हुए हैं. शुक्रवार को जम्मू के सुंदरबनी सेक्टर में जयद्रथ सिंह पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हो गए थे.
नायडू ने पाकिस्तान पर यह आरोप भी लगाया कि वह अपनी ‘सरकार की नीति’ के उपकरण के तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल करता है. दिल्ली में आयोजित ‘कारगिल पराक्रम परेड’ में नायडू ने कहा, ‘‘पाकिस्तान धर्म के साथ आतंकवाद को मिला रहा है. दुर्भाग्यवश आतंकवाद उनकी सरकार की नीति बन गया है. आतंकवाद इंसानियत का दुश्मन है और उसका कोई धर्म नहीं होता.’’ उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इसका एक भी ‘इंच’ पड़ोसी देश को नहीं दिया जाएगा. नायडू ने यह सख्त चेतावनी ऐसे समय में दी है जब अमेरिकी विदेश विभाग ने पाकिस्तान को उन देशों में शुमार किया है जो ‘आतंकवादियों को सुरक्षित ठिकाना’ मुहैया कराते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पड़ोसी को समझना चाहिए कि आतंकवाद की मदद और इसके लिए उकसाने से उनका कोई फायदा नहीं होने वाला. उन्हें 1971 का अनुभव है, उन्हें वह अनुभव याद रखना चाहिए और अपने लोगों के लिए शांति एवं समृद्धि लाने पर जोर देना चाहिए.’’ नायडू ने यह भी कहा कि कारगिल जैसा दु:स्साहस करने वाला पाकिस्तान अब कश्मीर में अशांति पैदा करने के लिए कूटनीतिक दु:स्साहस कर रहा है.
26 जुलाई को होने वाले कारगिल विजय दिवस से पहले उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसा वक्त है जब सभी दु:स्साहस करने वालों को समझ लेना चाहिए कि ‘दागने और भागने’ जैसे तौर-तरीकों से भारत की विकास गाथा को रास्ते से नहीं भटकाया जा सकता. हम परेशान होकर अपना ध्यान भटकाने वाले नहीं हैं.’’ 26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल में अपनी उन सभी चौकियों पर फिर से कब्जा हासिल कर लिया था, जिसे पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों ने अपने कब्जे में ले लिया था.
वीडियो: 16 दिसंबर के दिन 1971 में पाक सेना ने भारतीय फौज के सामने सरेंडर किया था
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