यूपी के नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों की जालसाजी में फंसने की आपने कई कहानियां तो सुनी ही होंगी. सरकार दम भरती रहीं कि रेरा जैसे कानून को लाकर उन्होंने बिल्डरों पर नकेल कस दी है. साथ ही समय-समय पर देश की सर्वोच्च अदालत ने फर्जीवाड़ा करने वाले बिल्डरों को जेल तक की हवा खिला दी लेकिन नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों की फर्जी वाड़ा का धंधा जोरशोर से चल रहा है जिसके शिकार बायर्स दर दर की ठोकरें खाते फिर रहे हैं. इसी तरह का एक मामला ग्रेटर नोएडा के द ग्रेंड वेनिस मॉल के मालिक का सामने आ चुका है. मॉल के मालिक ने दुकानें बेचने का सपना दिखाकर करोड़ों रुपये की उगाही की और कमर्शियल दुकान के नाम पर अब बायर्स धक्के खाने को मजबूर हैं. लेकिन पुलिस की गिरफ्त में आये बिल्डर को फिलहाल जेल की हवा खाने का अदालत ने फरमान सुनाया है.
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अगर आप ग्रेटर नोएडा के किसी चमकदार डेस्टीनेशन पर घूमने के मूड से निकले हैं तो द ग्रेंड वेनिस मॉल को देखने की तमाम सलाहें मिल जाऐंगी. मॉल की खासियत ये है कि मॉल के अन्दर नाव चलती है. इटली के एक शहर के नाम पर पड़े इस मॉल की यूएसपी ही पानी पर चल रही नाव, तमाम रंगबिरंगे फाउंटेन और चमकदार लाईटिंग हैं. लेकिन इस मॉल के बहते हुए पानी की तरह सैकड़ों लोगों की उम्मीद भी पानी की तरह सालों से बहती हुई दिख रही हैं. मॉल में अपनी शानदार कमर्शियल स्पेस की चाह रखने वालों ने यहां अपने खून पसीने से कमाई हुए पैसों को ये सोचकर लगाया कि भविष्य में ये पैसा उनको अच्छी जिंदगी देना का सहारा बन सकता है. सैकड़ों तो ऐसे लोग भी इनमें शामिल थे जिन्होने जिदंगी भर नौकरी करके रिटायर्मेंट के बाद मिलने वाले पीएफ, फंड को इस सोच से बिल्डर के हवाले किया कि पेंशन से थोड़ी ऊपर आमदनी हो जाऐगी तो दवाई इलाज और परिवार चलाना आसान हो जाऐगा. लेकिन इनके सपनों पर काली स्याही पोतने वाले द ग्रेंड वेनिस मॉल के मालिक सत्येन्द्र भसीन मोंटू भसीन तो लालच के उस समुन्दर में डुबकियां लगा रहा था जहां वो मानता था कि कानून उसका क्या बिगाड़ लेगा.
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सैकड़ों लोगों ने लाखों लाख रुपया देकर दुकानें खरीदने का करार तो मोंटू के साथ किया लेकिन दुकान तो दूर अपने पैसों की वापसी के लिए बायर्स अब थाना और अदालतों के चक्कर मारते घूम रहे हैं. फिलहाल करीब 8 साल से चल रहे मोंटू भसीन के फर्जीवाड़े का उस वक्त अंत हुआ जब वो नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण के दफ्तर अपने पैसे के बल पर सेटिंग करने पहुंच गया. तेजतर्रार एसएसपी ने मोंटू भसीन के काले कारनामे पहले से सुन रखे थे इसलिए बिना देरी किए एसएसपी ने कासना पुलिस को बुलाकार मोंटू भसीन को उसके सही घर पहुंचा दिया जहां उसे कई साल पहले पहुंचना था.
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कासना पुलिस ने मोंटू भसीन को कोर्ट के सामने पेश किया जहां से उसे 14 दिन की जेल में भेजने का आदेश हो गया. पुलिस के मुताबिक मोंटू भसीन के खिलाफ ग्रेटर नोएडा के कासना थाने में 9 मुकदमे दर्ज हैं जबकि सूरजपुर थाने में 1 मुकदमा दर्ज है. पुलिस के मुताबिक करीब 4 मामलों में मोंटू भसीन के खिलाफ अदालत ने गैर जमानती वारंट भी जारी किए हुए हैं.
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