कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम. वीरप्पा मोइली ने शनिवार को कहा कि लोकसभा चुनावों में पार्टी ने अगर जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के साथ गठबंधन नहीं किया होता तो वह 15 से 16 सीटों पर चुनाव जीतती. उन्होंने कहा कि गठबंधन पर विश्वास करना ‘भूल' थी. उन्होंने कहा, ‘‘सौ फीसदी... केवल यहीं (चिकाबल्लापुर) नहीं... कई लोकसभा क्षेत्रों में... अगर गठबंधन नहीं होता तो कांग्रेस को निश्चित तौर पर 15- 16 सीटें हासिल होतीं.'' मोइली एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या अगर गठबंधन नहीं होता तो वह चिकाबल्लापुर में जीत जाते. चिकाबल्लापुर में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि गठबंधन पर विश्वास करना भूल थी. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लोगों ने भी मेरा विरोध किया... यह स्पष्ट है.'' यह पूछने पर कि कांग्रेस के लोग उनका विरोध क्यों कर रहे हैं, उन्होंने विस्तार से जानकारी नहीं दी और कहा कि यह ताकत या धन के लिए हो सकता है.आपको बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली सत्तारूढ़ कांग्रेस - जद (एस) के संयुक्त उम्मीदवार थे. चिकबल्लापुर में भाजपा के उम्मीदवार बी एन बाचे गौड़ा ने उन्हें एक लाख 82 हजार 110 मतों से पराजित किया था. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और जद (एस) गठबंधन राज्य में केवल एक सीट जीतने में कामयाब रहा जबकि भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की.
लोकसभा चुनाव में मिली हार का कांग्रेस में मंथन जारी है लेकिन इसी बीच उसके वरिष्ठ नेताओं ने हार पर मीडिया में खुलकर बोलना शुरू कर दिया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि चुनाव में पीएम की लोकप्रियता इतनी थी कि उसके आगे कोई खड़ा नहीं हो पाया. खुर्शीद ने एएनआई से बातचीत में आगे कहा, लेकिन एक बात अच्छी रही कि सुनामी आया उसने सब कुछ बहा दिया लेकिन कम से कम हम जिंदा रहे और आपसे बात तो कर सकते हैं.
कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस के बीच सब ठीक नहीं, बीजेपी ने की सरकार बनाने की पेशकश
इनपुट : भाषा
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