विज्ञापन
This Article is From Aug 19, 2020

शहनाई के उस्ताद बिस्मिल्ला खां की धरोहर पर चला हथौड़ा, संगीत जगत आहत

बिस्मिल्लाह खां के पारिवार में विवाद, एक पक्ष मकान को तोड़कर व्यावसायिक केंद्र बनाना चाहता है तो दूसरा पक्ष उसे धरोहर के रूप में बचाए रखना चाहता है

शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां (फाइल फोटो).

वाराणसी:

उत्तरप्रदेश के वाराणसी (Varanasi) के जिस मकान में उस्ताद बिस्म्मिल्लाह खां (Bissmilaah Khan) की शहनाई परवान चढ़ी, जिसकी हर दरोदीवार पर उस्ताद की यादें सिमटी हैं और फज़्र की नमाज़ के बाद जिस कमरे में उस्ताद शहनाई का रियाज़ करते थे उस कमरे पर हथौड़ा चला है. यह हथौड़ा पारिवारिक विवाद का है, जिसमें एक पक्ष उस मकान को तोड़कर व्यावसायिक केंद्र बनाना चाहता है तो दूसरा पक्ष उसे धरोहर के रूप में बचाए रखना चाहता है. फिलहाल ये विवाद बड़ा हो गया है और इसमें अब स्थानीय प्रशासन ने हस्तक्षेप किया है. वाराणसी प्राधिकरण ने वहां चल रहे काम को रुकवा दिया है. 

बिस्म्मिल्लाह खां के मकान की छत पर उस कमरे का मलबा रखा है जहां कभी उस्ताद फज़्र की नमाज़ के बाद शहनाई का रियाज़ किया करते थे. आज यह स्थान बिखर गया. इस टूट फूट से परिवार और आस-पड़ोस के कुछ लोग आहत हैं. बिस्म्मिल्लाह खां के पड़ोसी मोहम्मद आसिफ ने कहा कि "मैं बहुत दुखी हूं इसकी हालत देखकर. जब बिस्म्मिल्लाह खां साहब ज़िंदा थे तब यहां पूरी दुनिया के लोग आते थे. खां साहब को अपने मोहल्ले से प्यार था, लोगों से प्यार था. वे कहीं गए नहीं, और आज उनके इंतकाल के बाद ये दुर्दशा हो रही है. परिवार का आपस में कुछ विवाद बना हुआ है.'' 

मकान की इस टूट फूट में परिवार के ही कुछ लोगों की सहमति है. इसके पीछे उनके अपने तर्क हैं. बिस्म्मिल्लाह खां के पोते मोहम्मद सिकतैन कहते हैं कि "ये मकान किसी को दिया नहीं गया है. आप मकान की स्थिति देख रहे हैं. आप  नीचे से ऊपर आए हैं, देखते हुए. आप देख लीजिए अगर मैं सपोर्ट नहीं करूंगा तो ये मकान बैठ जाएगा. मैंने ऊपर का लोड काम करने के लिए इसे गिराया है.'' 

पोते की गिरफ्तारी के बाद बिस्मिल्ला खान की चांदी की एक शहनाई बरामद

atdfsuc8

गौरतलब है कि बिस्मिल्लाह खां के पांच लड़के थे जिनमें से तीन की मौत हो चुकी है. दो बेटों का परिवार इसी मकान में रहता है. परिवार की माली हालत ठीक नहीं है, लिहाजा कुछ लोग इस मकान का कामर्शियल उपयोग करना चाहते हैं ताकि उनकी रोज़ी रोटी चल सके. 

बिस्मिल्ला खान के पोते ने ही चोरी करके बेच दी उनकी अनमोल धरोहर, शहनाइयां नष्ट

lcpp94jo

इस तोड़फोड़ को लेकर संगीत जगत के लोगों को भी एतराज है. बिस्मिल्लाह खां की दत्तक पुत्री संगीतज्ञ सोमा घोष ने कहा कि ''भारत रत्न बिस्मिल्लाह खां का घर हम सभी कलाकारों के लिए एक मंदिर की तरह है. वहां उन्होंने साधना की थी और आखिरी सांस तक उसी कमरे में रहे, कहीं नहीं गए बनारस को छोड़कर. हमारी डीएम और कमिश्नर साहब से गुज़ारिश है कि वह कमरा, वह याद पूरे भारत की है, उसे बचा लिया जाए.'' 

बिस्मिल्ला खान के परिजनों ने नरेंद्र मोदी का प्रस्तावक बनने से इनकार किया

इस बीच यह मामला मीडिया में उछला तो वाराणसी विकास प्राधिकरण ने अपने संज्ञान में लिया और चल रहे काम को रुकवा दिया. हालांकि ह्रदय योजना के अंर्तगत उस्ताद के मकान को संरक्षित करने की योजना थी लेकिन वह ठंडे बस्ते में चली गई. अब संगीत जगत के लोग चाहते हैं कि उनके मकान को धरोहर घोषित किया जाए. 

pm1uv368

घर की देहरी पर बजने वाले जिस वाद्य यंत्र शहनाई को उस्ताद ने अपनी सांसों से घर के आंगन में जगह दिलाई, आज उन्हीं के घर के आंगन, उनके मकान को लेकर विवाद हो रहा है. ऐसे में सरकार को आगे आना चाहिए और एक बड़े कलाकार के मकान और परिवार की हिफाज़त का रास्ता निकालना चाहिए.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com