देहरादून / देवप्रयाग:
उत्तराखंड में आई भीषण बाढ़ के दौरान बचाई गई मासूम बच्ची की पहचान कर ली गई है। यह बच्ची गौरीकुंड में फंसे तीर्थयात्रियों को लावारिस और घायल हालत में मिली थी। बच्ची के दोनों पैरों में फैक्चर हो गया था।
बचाव दल ने पहले ऋषिकेश लाकर बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया और दो दिन वह वहीं रही, जिसके बाद उसे देहरादून लाया गया। लावारिस हालात में पाई गई इस बच्ची को परी नाम दिया गया था।
अब देवप्रयाग जिले के बागवान गांव के लोगों ने दावा किया है कि यह बच्ची उनके गांव की रहने वाली है और इसका असली नाम ज्योति है। गांव के लोगों ने बताया कि ज्योति अपने पिता और दादी के साथ रहती थी और अलकनंदा में बाढ़ आने पर इनका घर पानी में बह गया। इसके बाद ज्योति के पिता और दादी एक ट्रक में सवार हुए, लेकिन यह ट्रक भी नदी में गिर गया और ज्योति के पिता और दादी की मौत हो गई।
बचाव दल ने पहले ऋषिकेश लाकर बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया और दो दिन वह वहीं रही, जिसके बाद उसे देहरादून लाया गया। लावारिस हालात में पाई गई इस बच्ची को परी नाम दिया गया था।
अब देवप्रयाग जिले के बागवान गांव के लोगों ने दावा किया है कि यह बच्ची उनके गांव की रहने वाली है और इसका असली नाम ज्योति है। गांव के लोगों ने बताया कि ज्योति अपने पिता और दादी के साथ रहती थी और अलकनंदा में बाढ़ आने पर इनका घर पानी में बह गया। इसके बाद ज्योति के पिता और दादी एक ट्रक में सवार हुए, लेकिन यह ट्रक भी नदी में गिर गया और ज्योति के पिता और दादी की मौत हो गई।
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