विज्ञापन
This Article is From Apr 04, 2016

उत्तराखंड : केंद्र ने हाईकोर्ट में दिया हलफनामा, राष्ट्रपति शासन लगाना सही ठहराया

उत्तराखंड : केंद्र ने हाईकोर्ट में दिया हलफनामा, राष्ट्रपति शासन लगाना सही ठहराया
उत्तराखंड विधानसभा में हुए विवाद का फाइल फोटो।
नई दिल्ली: उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के मामले में केंद्र सरकार ने नैनीताल हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। हलफनामे में कहा गया है कि उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाना सही है क्योंकि राज्य में संवैधानिक मशीनरी फेल हो चुकी थी।

स्पीकर ने मर्यादाएं तोड़ीं
हलफनामे में कहा गया है कि उत्तराखंड में स्पीकर ने पावर के साथ फ्रॉड किया और अपने पद की मर्यादाओं को तोड़ा। स्पीकर ने फेल बजट बिल को पास बताया, जबकि बिल फेल हुआ और सरकार गिर गई। राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश हुई। इसे लेकर किए गए स्टिंग पर 27 मार्च को CFSL की रिपोर्ट आई है कि वह सही है कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है।

18 मार्च को ही बन गए थे राष्ट्रपति शासन के हालात
केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट से कहा है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन के हालात 18 मार्च को ही बन गए थे। इस दिन सुबह 10.30 बजे 27 विधायक और नेता विपक्ष राज्यपाल से मिले थे। उन्होंने राज्यपाल से कहा था कि सरकार बहुमत में नहीं है और वह बजट बिल पर स्पीकर से डिवीजन मांगेंगे और फिर सरकार गिर जाएगी। उन्होंने आशंका जताई थी कि स्पीकर वोट नहीं कराएंगे।

वायस नोट के आधार पर कहा, बिल पास हो गया
राज्यपाल ने 11.10 पर सचिव के माध्यम से तीन पेज का यह ज्ञापन कवर नोट के साथ स्पीकर को भेजा। इसमें यह भी कहा गया कि स्पीकर बिल चर्चा के दौरान की वीडियो-आडियो रिकार्डिंग राज्यपाल को भेजें। स्पीकर ने उसी दिन शाम 7.30 बजे बिल के लिए सदन की कार्रवाई शुरू की। उस दौरान बीजेपी और बागी विधायकों ने इसका विरोध किया लेकिन स्पीकर ने इसे नहीं माना। वायस नोट के आधार पर कहा कि बिल पास हो गया और कार्यवाही बंद कर दी गई।

नेता विपक्ष ने रात 8 बजे इसकी जानकारी राज्यपाल को दी और रात 11.30 पर 35 विधायकों ने राज्यपाल को लिखित जानकारी दी। केंद्र ने दलील दी है कि जब बजट बिल पास नहीं हुआ तो वैसे ही सरकार गिर गई। कोई भी स्पीकर इतने अहम बिल को इस तरह पास नहीं कह सकता। यानी राष्ट्रपति शासन लगाने का आधार 18 मार्च को ही तैयार हो गया था।

राज्यपाल को 28 मार्च को भेजा बिल
केंद्र ने हाईकोर्ट में यह भी दलील दी है कि जब भी बजट बिल पास होता है तो तुरंत राज्यपाल के पास भेजा जाता है। लेकिन यह बिल राज्यपाल के पास 28 मार्च को भेजा गया, जबकि 27 मार्च को ही राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका था। जाहिर है जब स्पीकर ही पद पर नहीं है तो बिल क्यों भेजा गया। सरकार ने राज्यपाल की रिपोर्ट को भी सील कवर में दाखिल किया है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
उत्तराखंड, नैनीताल हाईकोर्ट, केंद्र सरकार का हलफनामा दाखिल, राष्ट्रपति शासन लगाना सही, Uttarakhand, Nainital High Court, Affidavit Of Central Government, Presidents Rule
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com