रैली के लिए स्कूल बस लगाने से नाराज़ बच्चे ने लिखी पीएम को चिट्ठी, 'क्या मेरे स्कूल से ज़्यादा ज़रूरी है आपकी सभा'

रैली के लिए स्कूल बस लगाने से नाराज़ बच्चे ने लिखी पीएम को चिट्ठी, 'क्या मेरे स्कूल से ज़्यादा ज़रूरी है आपकी सभा'

खास बातें

  • स्कूल छात्र ने पीएम की रैली के लिए स्कूल बस ले लिए जाने पर नाराज़गी जताई
  • बच्चे ने लिखा, "क्या आपकी सभा मेरे स्कूल से ज़्यादा महत्वपूर्ण है...?"
  • प्रशासन ने स्कूल बसों को भेजने का आदेश वापस ले लिया है
खंडवा:

मध्य प्रदेश में मंगलवार को होने जा रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के लिए प्रशासन ने बसों का इंतज़ाम किया, लेकिन उसकी वजह से आठवीं क्लास में पढ़ने वाला देवांश जैन स्कूल नहीं जा पाया, सो, उसने नाराज़गी में सीधे पीएम को ही चिट्ठी लिखकर सवाल दाग दिया, "क्या आपकी सभा मेरे स्कूल से ज़्यादा महत्वपूर्ण है...?"

देवांश जैन के यह भावुक खत सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, और इसी का परिणाम है कि प्रशासन ने स्कूलों को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की खातिर अपनी बसें भेजने के लिए दिया गया आदेश वापस ले लिया. (देवांश की चिट्ठी समाचार के अंत में पढ़ें)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आज़ाद की जन्मभूमि भाबरा गांव जाएंगे, और उसके बाद स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में चलाए जाने वाले '70 साल आज़ादी, याद करो कुर्बानी' अभियान को लॉन्च करेंगे.

देवांश उस वक्त काफी उदास हो गया था, जब उसके टीचर ने उसे बताया कि स्कूल मंगलवार और बुधवार को बंद रहेगा, क्योंकि स्कूल की बसें अलीराजपुर में होने जा रहे प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल लोगों को लाने-ले जाने के लिए इस्तेमाल की जाएंगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी में देवांश ने लिखा, "मैंने अमेरिका में आपके दिए भाषणों को सुना है, जहां ढेरों लोग मौजूद थे, लेकिन वे वहां स्कूलों की बसों में बैठकर नहीं आए थे..."

उसने अपनी नाराज़गी का इज़हार करते हुए खुद को 'मोदी का प्रशंसक' भी बताया और कहा कि वह रेडियो पर उनके 'मन की बात' कार्यक्रम को हमेशा सुनता है, और इसी कार्यक्रम को लेकर जब एक सहपाठी ने उसका मज़ाक उड़ाया था, तो उसने झगड़ा भी किया था.

देवांश जैन ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि 'शिवराज मामा' (दरअसल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद को यही कहलाना पसंद करते हैं) से कहिए, वह स्कूल बसों को ऐसे कार्यक्रमों के लिए इस्तेमाल नहीं किया करें, क्योंकि "आप कांग्रेस के नेताओं जैसे नहीं हैं, और आपके मन में भविष्य और शिक्षा को लेकर चिंता रहती है..."

उसने लिखा, "अगर आप ऐसा करते हैं, तो मैं ताल ठोककर कह सकूंगा कि 'मेरे मोदी अंकल' की रैलियों में भीड़ अपने आप जुटती है, और उसे जुटाया नहीं जाता..."
 


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